गुजरात में 18+ को मिलने लगी वैक्सीन, बिहार से नाइंसाफी

कुमार अनिल

बिहार में 18 प्लस का टीकाकरण शुरू नहीं हो पाया है। गुजरात में कल 51 हजार 622 लोगों को टीका मिला। क्या है केंद्र की पॉलिसी? कुमार अनिल हम ताली-थाली के ऐसे युग में जी रहे हैं, जब हर सवाल का जवाब यही होता है कि मोदी जी ने कुछ सोचकर ही किया होगा। फिर भी सवाल तो होते रहेंगे।

आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक सवाल किया है। उन्होंने कहा कि दो मई को 18 प्लस के जितने लोगों को टीका दिया गया है, उनमें 60 प्रतिशत केवल गुजरात से हैं। उन्होंने पूछा है कि इस आयु वर्ग के लोगों को सिर्फ 11 राज्यों में ही टीका क्यों दिया जा रहा है।

सीएम चुप क्यों

उन्होंने पीआईबी की जानकारी के आधार पर पूछा है कि 18-44 वर्ष के सिर्फ 86,023 लोगों को ही टीका क्यों दिया गया। नौकरशाही डॉट कॉम इन सवालों में एक सवाल जोड़ रहा है। बिहार में मुख्यमंत्री क्यों नहीं बताते कि इस आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण कब शुरू होगा?

सवाल उनसे भी है, जो यह तर्क दे रहे थे कि डबल इंजन की सरकार होने से हर कार्य सुगम होगा। क्या सिर्फ इतना कह देना काफी है कि सीरम ने वैक्सीन देने से इंकार कर दिया, इसलिए टीकाकरण नहीं होगा। क्या यह बिहार के युवाओं की जान से खिलवाड़ नहीं है।

मुख्यमंत्री और बिहार के सांसद क्यों चुप हैं? सवाल यह भी है कि टीकाकरण की क्या नीति है। केंद्र सरकार ने कोई पॉलिसी बनाई है या नहीं। गुजरात के युवकों को टीका मिल सकता है, तो बिहार के युवकों को क्यों नहीं। सवाल है कि टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिए कोई पहल क्यों नहीं हो रही?

जयराम रमेश ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक 18-44 आयु वर्ग में गुजरात में 51,622, उत्तर प्रदेश में 15,792, महाराष्ट्र में12, 525, राजस्थान में 1853, दिल्ली में 1472, छत्तीसगढ़ में 987, कर्नाटक में 649, तमिलनाडु में 527, जम्मू-कश्मीर में 201,पंजाब में 298, ओड़िशा में 97 लोगों को टीका दिया गया

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