हरियाणा में नमाज को लेकर पैदा हुआ ताजा विवाद वजीराबाद से शुरु हुआ है। पिछले डेढ़ माह से वजीराबाद गांव में  खाली सरकारी प्लॉट में लोग नमाज पढ़ रहे थे, तो गांव वालों ने कहा कि अचानक मंदिर के सामने कैसे नमाज पढ़ी जाने लगी। वहां से उठा विरोध पूरे गुरुग्राम में फैल गया।

नयी दिल्ली : नमाज विवाद पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के बयान से गुरुग्राम के अल्पसंख्यक समुदाय में नाराजगी है। नमाज अदा करने से रोकने वाले 6 युवकों पर केस दर्ज करवाने वाले वाजिद खान नेहरू युवा संगठन के अध्यक्ष शहजाद ने सीएम के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

 

शहजाद ने कहा कि हमने आज तक कहीं किसी जमीन पर कब्जा नहीं किया, लेकिन गुरुग्राम के छह लाख मुसलमान आखिर नमाज कहां पढेंगे। जब तक हमें मस्जिद के लिए जगह नहीं मिल जाती है, तब तक हमें धार्मिक स्वतंत्रता है कि हम सरकारी खाली जमीन पर नमाज पढ़ लें। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी आबादी पर गुरुग्राम में सिर्फ 9 मस्जिदें हैं। इसमें से आठ तो पुराने गुरुग्राम में हैं। सिर्फ एक नये में, जबकि सबसे ज्यादा मुस्लिम नये गुरुग्राम में  हैं।

 

हिंदू संगठनों का कहना है कि जब हुडा (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) ने रिलीजियस साइट बना रखी हैं तो खुले में क्यों नमाज पढा जा रहा है। इसपर शहजाद कहते हैं कि हुडा ने जरुर हर सेक्टर में रिलीजियस साइट बना रखी हैं लेकिन उसमें हमें मस्जिद के लिए जगह नहीं मिलती। जबकि मंदिरों, गुरुदवारों और गिरजाघरों के लिए प्लॉट मिल जाता है। सरकार हमें मस्जिद के लिए प्लॉट दे और वक्फ बोर्ड की कब्जा पड़ी जमीन को खाली करवाये।

 

जानकारों की माने तो वजीराबाद, अतुल कटारिया चौक, साइबर पार्क, बख्तावर चौक और साउथ सिटी इलाकों में नमाज को ‘बाधितÓ किया गया। इसके लिए हिंदू संगठनों की एक संघर्ष समिति बन गयी है। इधर, मुख्यमंत्री के हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों की लाइन को मजबूत करता हुआ बयान से गुरुग्राम के अल्पसंख्यकों में नाराजगी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह मामला अभी तो थमने वाला नहीं है।
वैसे भी गुरुग्राम में शुरू हुआ नमाज विवाद आज का नहीं है। कुछ साल पहले तक यहां ईद की नमाज दिल्ली-जयपुर हाइवे पर पढ़ी जाती थी। अगस्त 2013 में कांग्रेस सरकार के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज ने स्थानीय अदालत में याचिका लगाकर कहा था कि हर साल दोनों ईद के मौके पर नमाज के दौरान नेशनल हाईवे-8 पर जाम हो जाता है। इसके बाद प्रशासन ने अस्थायी तौर पर नमाज के लिए देवीलाल स्टेडियम दिया था। ईद की नमाज का मसला तो वैकल्पिक जगह से हल हो गया, लेकिन हर जुमे पर नमाज खाली पड़ी सरकारी जमीन पर होती रही। गुरुग्राम में अलग-अलग प्रदेशों से कामकाज के लिए आने वाले मुस्लिमों के लिए पर्याप्त मस्जिदें नहीं बनीं, इसलिए उन्होंने इसके लिए खाली जगह का इस्तेमाल शुरू कर दिया।

नंबर गेम
110 जगहों पर नमाज पढ़ते है मुस्लिम समुदाय के लोग
गुरुग्राम में छह लाख से ज्यादा मुस्लिम समुदाय की आबादी

अब तक क्या हुआ?
20 अप्रैल सेक्टर-43 मैदान में नमाज पढ़ रहे लोगों को हटाया गया।
24 अप्रैल को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पुलिस को शिकायत दी गई।
25 अप्रैल को सेक्टर-53 थाने में पुलिस ने मामला दर्ज किया।
26 अप्रैल को पुलिस ने छह युवकों को गिरफ्तार किया गया।
27 अप्रैल को सेक्टर-43 मैदान में पुलिस के साए में नमाज पढ़ी गई।
29 अप्रैल को गिरफ्तार छह युवकों को कोर्ट से जमानत मिली गई।
30 अप्रैल को संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति ने प्रदर्शन कर एडीसी को ज्ञापन सौंपा
04 मई को शहर के पांच स्थानों पर हिन्दू संघर्ष समिति द्वारा नमाज नहीं पढऩे दी गयी।

By Editor