हाय रे बिहारी! इस बार पंजाब में सात लोग जिंदा जले

15 वर्षों से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री है, पर आज भी दो जून रोटी के लिए अपना घर, गांव छोड़ कर जाना पड़ता है परदेश। हाय रे बिहारी! पंजाब में सात जिंदा जले।

बिहार के लिए पंजाब से बहुत बुरी खबर है। वहां रोटी के जुगाड़ में गए सात बिहारी जिंदा जलकर मर गए। यह दर्दनाक मौत है। इससे पहले आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कमाने गए 16 लोग जल कर मर गए थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अफसोस जताया था। इस बार फिर वे अफसोस जताएंगे। दो-दो लाख रुपए भी दे देंगे। लेकिन सवाल है कि बिहारियों का यह दुर्भाग्य क्यों हैं, क्यों इस तरह दर्दनाक मौत के शिकार हो रहे हैं। क्यों उन्हें दो जून रोटी के लिए दूर जाना पड़ता है।

इस बार पंजाब के लुधियाना के टिब्बा रोड में झोंपड़ी में रह रहे सात मजदूक जल कर मर गए। ये सभी समस्तीपुर के रहने वाले थे। ये कूड़े के ढेर के बगल में झोंपड़ी डाल कर किसी तरह मजदूरी कर पेट पालते थे। पिछली रात झोंपड़ी में आग लग गई। जब तक फायर ब्रिगेड पहुंचता, तब तक सात लोग जिंदा जल मरे। मरनेवालों में पांच बच्चे तथा एक दंपती शामिल है।

लुधियाना में जलने से हुई मौत में सुरेश सहनी, उनकी पत्नी अरुणा देवी तथा पांच उनके छोटे बच्चे शामिल हैं।

पंजाब में बिहारियों की इस तरह दर्दनाक मौत पर राजद ने बिहार की डबल इंजन की सरकार को आड़े हाथों लिया। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा-काश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कामरूप तक कहीं भी किसी हादसे या हिंसक वारदात के शिकार श्रमिक होंगे तो वो बिहार के हीं श्रमिक निकलते हैं! 17 साल की एनडीए सरकार की चौतरफा नाकामी के कारण रोजी-रोटी की तलाश में बिहार के श्रमिक सबसे असुरक्षित स्थानों/कारखानों में काम करने को विवश हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक कोई ट्वीट भी नहीं किया है।

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