हिंदू डॉक्टर ने अंतिम सांस ले रहे मरीज के कान में पढ़ा कलमा

ऐसी खबर आपने पढ़ी होगी कि हिंदू के शव को मुस्लिमों ने कंधा देकर अंतिम संस्कार कराया। अब एक और सुकून देनेवाली खबर है। हिंदू डॉक्टर ने मरीज के लिए पढ़ा कलमा।

कुछ लोग महामारी में भी हिंदू-मुस्लिम में द्वेष-दूरी बढ़ाने में दिन-रात लगे हैं। दवा-ऑक्सीजन के नाम पर लूट रहे हैं। ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने फिर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए लिखा है कि जब लोग मर रहे हैं, तब वे अपने लिए महल बना रहे हैं।

लेकिन बड़ी आबादी महामारी में एक-दूसरे के दुख को बांटने में लगी है। महामारी ने फिर साबित किया कि प्रकृति ने हिंदू-मुस्लिम को अलग नहीं बनाया है। दोनों में बहता खून एक ही है। सुख-दुख भी दोनों समान ढंग से महसूस करते हैं।

केरल की हिंदू महिला डॉक्टर रेखा कृष्णा ने अंतिम सांस ले रहे अपने मुस्लिम मरीज के लिए कलमा पढ़ा। और इसके बाद मरीज ने शांति के साथ अंतिम सांस ली। मामला केरल के पतंभी (पलक्कड) का है। यहां एक प्राइवेट अस्पताल सेवना हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एक मुस्लिम मरीज 17 मई को भर्ती किया गया। उसे कोविड निमोनिया था। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था।

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डॉ. रेखा ने प्रेस को बताया कि पेशेंट की हालत गंभीर होती गई। उसकी कुछ सांसें ही बची थीं। उनके परिजनों को बता दिया गया था। डॉ. रेखा ने देखा कि पेशेंट अलविदा सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहा है। डॉ. रेखा ने अपने मरीज के कान में प्रेमपूर्वक कलमा पढ़ा- ला इलाहा इल्लल्लाह मोहमदुर रसूलल्लाह। इसके बाद पेशेंट ने शांति से अंतिम सांस ली।

डॉ रेखा कृष्णा ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनका जन्म दुबई में हुआ है। वहीं पढ़ी और बड़ी हुई। उन्हें मुस्लिमों के रीति-रिवाजों की जानकारी है। कहा कि जो हुआ, वह अचानक हुआ। उन्होंने पहले से कुछ नहीं सोचा था। बस, उस समय लगा कि मैं यह कर सकती हूं।

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पूरे केरल में डॉ. रेखा कृष्णा को लोग दुआएं दे रहे हैं। कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने भी डॉक्टर की सराहना करते हुए ट्विट किया।

By Editor