Analysis: लोकसभा की नाकामियों से सबक ले, कैसे दी भतीजे ने चाचा को पटखनी

Tejashwi yadav ने लोकसभा चुनाव परिणामों से सबक लिया. फिर उपचुनाव की ऐसी रणनीति बनाई कि चाचा नीतीश कुमार को चारों खाने चित कर दिया.

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

हालांकि कुछ आलोचक यह मान कर चल रहे थे कि जीतन रमाम मांझी और वीआईपी को गठबंधन से अलग रखना राजद के लिए भारी पड़ेगा पर उनका कथन ख्याली पुलाव साबित हुआ. दो सीटों पर मांझी और वीआईपी ने अपने उम्मीदवार खड़े किये इसके बावजूद तेजस्वी ने जदयू पर जीत दर्ज करके साबित किया है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव की हार से काफी अनुभव प्राप्त किया है.

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तेजस्वी ने चाचा नीतीश से चार में से तीन सीटें छीन ली हैं. एक सीट नाथनगर की है जहां कांटे की टक्कर है. यहां से राजद की राबिया खातून कभी आगे तो कभी पीछे चल रही हैं. हालंकि राजद का कहना है कि सरकार कुछ गड़बड़ी करने के फिराक में है इसलिए यहां का नतीजा रोका जा रहा है.

दरौंदा

सीट पर जदयू और भाजपा की आपसी गलाकाट के कारण जदयू ने अपनी सीटिंग सीट गंवा दी. यहां से अजय सिंह हार गये. निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई जो भाजपा का ही नेता था.

 

बेलहर-

यहां से राजद के रामदेव यादव ने जदयू  के गिरधारी यादव को मात दी. इस सीट पर जदयू और भाजपा को राजद ने ऐसे जाल में फंसाया कि जदयू के प्रत्याशी को भाजपा का पूरा समर्थन नहीं मिल सका.

 

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सिमरी बख्तयारपुर –

यहां से राजद के प्रत्याशी जफर आलम ने जदयू के अरुण यादव को शिकस्त दी.यहां पर महत्वपूर्ण बात यह रही कि यहां से विकासशील इंसान पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी खड़ा किया था. वीआईपी ने 20 हजार वोट हासिल किये. लेकिन ये वोट पार्टी के बजाये स्थानीय प्रत्याशी के थे. राजद के रणनीतिकारों को पता था कि वीआईपी को पड़ने वाला वोट दर असल भाजपा का वोट था. इसलिए वीआईपी ने जो वोट हासिल की उससे राजद को ही फायदा हो रहा था. लोकसभा चुनाव के दौरान राजद को यह पता चल चुका था कि वीआईपी अपना वोट राजद को ट्रांस्फर नहीं करा पायेगी. राजद ने अपने पिछले अनुभवों का लाभ उठा कर यहां से जदये को पटखनी दे दी.

किशनगंज

किशनगंज में भारी उलटफेर हुआ. यहां से बिहार के चुनावी इतिहास में पहली बार Asaduddin Owaisi के नेतृत्व वाली AIMIM ने जीत हासिल की. कांग्रेस के मोहम्मद जावेद की मां यहां से खड़ी थीं. वह तीसरे स्थान पर रहीं. भाजपा की स्वीटी सिंह दूसरे स्थान पर रहीं. एआईएमआईएम के कमरुल होदा ने जीत दर्ज कर सीमांचल की राजनीति में एक तीसरी शक्ति को स्थापित किया है. इसके दूरगामी परिणाम सामने आ सकते हैं.

नाथनगर

भागलपुर के नाथ नगर से राजद की राबिया खातून ने जदयू के प्रत्याशी की सांसें अंटका दी हैं. यहां पर राज को आशंका है कि प्रशासन का दुरोपयोग करके जदयू अपना प्रत्याशी जितवाना चाहता है. राजद ने यहां से रिजल्ट रोके जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है.

इस सीट पर जीतन राम मांझी की पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया था. इसके बावजूद राजद ने जदयू को कांटे की टक्कर दे कर यह साबित कर दिया है कि अगर वह मजबूत और सटीक रणनीति बनाये तो 2020 में अपने दम पर विरोधियों को कड़ी चुनौती दे सकता है.

 

मुकेश-मांझी की औकात

इस चुनाव परिणाम ने वीआईपी के मुकेश साहनी और हम के जीतन राम मांझी के उस मुगालते को दूर कर दिया है जो वे दोनों पाल रहे थे. दोनों ने राजद के खिलाफ अपने उम्मीदावार मैदान में उतारे.  लेकिन दोनों राजद की जीत पर नकारात्मक असर डालने में असफल रहे. इस जीत ने राजद की रणनीति की सटीकता पर मुहर लगा दी है.

 

 

 

By Editor