‘Hunger Index : नवरात्र उपवास के कारण भारत पिछड़ा’

नीतीश कुमार नीति आयोग को नहीं मानते, अब केंद्र सरकार ने Global Hunger Index को खारिज कर दिया है। इंडेक्स में पाकिस्तान, नेपाल से भी नीचे भारत।

पहले आंकड़े सरकार को परेशान करते थे। न्यू इंडिया में सरकार आंकड़े जारी ही नहीं करती। फिर भी कभी-कभी कुछ आंकड़े आ जाते हैं, लेकिन बिहार के नीतीश कुमार हों या प्रधानमंत्री मोदी, किसी को इससे फर्क नहीं पड़ता। नीतीश कुमार ने नीति आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में बिहार के सबसे नीचे रखा गया है। प्रधानमंत्री रोजगार घटने पर कह चुके हैं कि पकौड़ा बेचना भी रोजगार है।

अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा अध्ययन के बाद जारी होनेवाले ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 116 देशों की सूची में 101 वें स्थान है। भारत से बेहतर पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार हैं। आयरिश एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन ऑर्गेनाइजेशन वेल्ट हंगर हिल्फ मिल कर यह रिपोर्ट तैयार करती है, जिसकी विश्वव्यापी प्रतिष्ठा है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर सरकारें अपनी नीतियों में बदलाव करती हैं। लेकिन भारत ने इंडेक्स तैयार करने की विधि को ही खारिज कर दिया है।

इस बीच कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रमुख गौरव पांधी ने व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का जवाब आएगा कि इंडेक्स बनानेवालों ने नवरात्र के उपवास को भी भूख के साथ जोड़ दिया, इसलिए भारत इतना भूखा देश नजर आ रहा है। उनके इस व्यंग्य के बाद सोशल मीडिया पर रोचक टिप्पणियां आ रही हैं।

पुष्कल ने प्याज के दाम बढ़ने पर संसद में वित्त मंत्री के बयान को याद करते हुए लिका कि अब वे कहेंगे कि मैं भूखी नहीं सोती। इसलिए मुझे कोई चिंता नहीं। नफीस सैयद ने कहा- साथ ही, मैं खुद कार नहीं चलाती, इसलिए पेट्रोल की कीमत बढ़ना मेरे लिए चिंता का विषय नहीं। अशोक कुमार पांडेय ने कहा-116 देशों की सूची में 101 पर आना भारत के लिए शर्मनाक है। 2008 में दुनिया में मंदी आई थी, तब हम अपने देश की अर्थ्यव्यवस्था पर गर्व करते थे कि मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। लेकिन आज सामान्य दिनों में भी भारत लगातार नीचे जा रहा है।

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