नीतीश कुमार की कार्यशैली करीब से देखने वालों को पता है कि वह अपने मंत्रियों और पार्टी नेताओं से ज्यादा नौकरशाहों पर भरोसा करते हैं. अंजनी कुमार सिंह उन्हीं में से एक हैं. अंजनी को जीतन मांझी सरकार में मुख्यसचिव बनवाने में नीतीश सफल रहे थे और अब उन्हें एक्सटेंशन दे कर इस पद पर बरकार रखा है.

इर्शादुल हक, एडिटर, नौकरशाही डॉट कॉम

 

जबकि उस समय अंजनी कुमार सिंह से आठ सीनियर आईएएस मौजूद थे. अब अंजनी जब 28 फरवरी को रिटायर होने वाले थे तो उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन दे दिया गया है.

आखिर अंजनी कुमार सिंह पर नीतीश कुमार इतना भरोसा क्यों करते हैं?  दर असल नौकरशाहों की कार्यकुशलता, रचनाशीलता से भी बड़ा गुण उनकी विश्वस्नीयता होती है. जिस नौकरशाह पर राजनीतिक नेतृत्व का ट्र्सट लेवल जितना गहरा होता है, वह नेताओं का प्रियपात्र बन ही जाता है. अंजनी कुमार सिंह की कार्यकुशलता और उद्यमशीलता के नीतीश कुमार कायल रहे हैं. प्रकाश पर्व की ऐतिहासिक सफलता के साथ साथ शराबबंदी और दहेजबंदी के खिलाफ मानवश्रृंखला बना कर इतिहास रचने का आइडिया  अंजनी सिंह ने ही नीतीश कुमार को दी थी, हालांकि अंजनी सिंह ऐसी उपलब्धियों का श्रेय कभी अपने सर नहीं लेते.

अंजनी सिंह आम तौर पर प्रेस के लोगों से सरकारी मुद्दों पर बात नहीं करते. जब उनसे ऐसे मुद्दों पर चर्चा छेड़िये तो  वह काफी शालीनता से टाल जाते हैं. बातों को टालने का उनका अपना अंदाज है. पिछली बार नौकराशाही डॉट काम के पत्रकार वीरेंद्र यादव ने उनसे कुछ मुद्दों पर बात करनी चाही तो बातों को टालते हुए वह अपनी बागवानी दिखाने के लिए चल पड़े.

तो ये खूबियां भी हैं

अंजनी कुमार सिंह  चीफ सेक्रेटरी से पहले मुख्यमत्री के प्रधान सचिव रह चुके हैं. उससे पहले उन्होंने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर काम करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को काफी प्रभावित किया था. जब जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी थी तब कुछ दिनों बाद उन्होंने नीतीश के कई प्रिय नौकरशाहों को प्रमुख पदों से चलता कर दिया था. उनमें से एक आमिर सुबहानी भी थे. लेकिन अंजनी कुमार सिंह ही एख ऐसे नौकरशाह थे जिन्हें जीतन मांझी नौकरशाही की मेनस्ट्रीम से नहीं अलग किया. कुछ लोग इसे अंजनी कुमार सिंह की मांझी से निकटता का कारण मानते हैं. हालांकि यह भी सच है कि अंजनी कुमार सिंह को मुख्यसचिव बनवाने में नीतीश कुमार का महत्वपूर्ण योगदान था. अंजनी कुमार सिंह के अंदर प्रशासनिक फैसले को ईवेंट में कंवर्ट करने की महारत हासिल है. उनकी यह अदा भी नीतीश को खुब भाती है. बिहार दिवस के आयोजन को राज्यव्यापी ईवेंट बनाने में भी अंजनी सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इतना ही नहीं सिखों के पर्व प्रकाश पर्व के शताब्दी समारोह को सरकारी ईवेंट बना कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खीचने का जतन भी अंजनी सिंह ने बखूबी निभाया था.

 

अंजनी कुमार सिंह 1981 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें नीतीश सरकार ने तीन महीने का एक्सटेंशन दे कर मुख्यसचिव के पद पर बरकार रखा है. लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि उन्हें तीन महीने बाद दोबारा एक्सटेंशन भी मिल जाये. नीतीश कुमार के साथ अंजनी सिंह के संबंधों को करीब से जानने वाले तो यहां तक बताते हैं कि अगर अंजनी रिटायर भी हो जायें तो नीतीश कुमार उन्हें विशेष तौर पर बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकते हैं.  अंजनी कुमार सिंह का जादू नीतीश कुमार पर अगर चलता है तो इसके लिए अंजनी कुमार की कार्यकुशलता, विश्वसनीयता और उनकी उद्यमशीलता ही इसकी वजह है.

पढ़ें- अंजनी को मिला एक्सटेंशन

दुनिया की सबसे बड़ी इंसानी जंजीर बनाने के पीछ किसका दिमाग?

By Editor