धरोहरों और संस्कृति के प्रति संवेदनशील IAS अफसर और सारण के नवनियुक्त डीएम निलीश देवड़े Nilesh Deore ने डच गवर्नर जोआन वान के 300 साल पुराने मकबरा ( Dutch Mausoleum) को उजागर किया है।


यह खस्ता हाल मकबरा सारण जिले के कारिंगा छपरा में स्थित है।


माना जाता है कि यह इलाका डचों के कब्जे में 1770 तक था।
गुम्बदनुमा इस मकबरे की देख रेख की कोई व्यवस्था नहीं है। स्थानीय लोग इसकी दीवारों के इस्तेमाल गोइठा पाथने के लिए करते हैं।

निलेश देवड़े ने इसी महीने सारण डीएम की जिम्मेदारी संभाली है। उन्होंने अपने सहकर्मियों के सुझाव पर इस मकबरे का मुआयना किया है और इसकी तसवीरें साझा की है।


हालांकि नीलेश देवड़े का कहना है कि वह पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि यह मकबरा डच शासकों की ही है। लेकिन सारण गजेटियर से यह प्रमाण मिलता है कि यह डच इमारत ज़रूर है।

नीलेश देवड़े इसे पहले बिहार के मधुबनी के डीएम थे। उन्होंने इस दौरान मिथिला पेंटिंग को ख्याति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी

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