पैराडाइज पेपर्स’ (खोजी पत्रकारों के अंतर्राष्‍ट्रीय कंसोर्टियम यानी आईसीआईजे द्वारा किये गये खुलासे पर आधारित) के खुलासे के बाद केंद्र ने एक अहम फैसला लिया है. सरकार ने निर्देश दिया है कि पैराडाइज पेपर्स से जुड़े मामलों की जांच पर एक पुनर्गठित बहु-एजेंसी समूह द्वारा नजर रखी जाएगी, जिसके प्रमुख सीबीडीटी के अध्‍यक्ष होंगे और इसमें सीबीडीटी, ईडी, आरबीआई और एफआईयू के प्रतिनिधि भी होंगे.

नौकरशाही डेस्क

वहीं, आयकर विभाग (आईटीडी) की जांच इकाइयों को संबंधित खुलासे के प्रति सतर्क कर दिया गया है, ताकि तत्‍काल समुचित कार्रवाई की जा सके. यह जानकारी भी दी गई है कि विदेशी इकाइयों से जुड़े कई मामलों की जांच काफी तेजी से की जा रही है. जैसे ही अन्‍य जानकारियां सामने आएंगी, उस दिशा में कानून के अनुसार तेजी से कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि

पैराडाइज पेपर्स नाम के तहत मीडिया में हुए खुलासे से पता चला है कि विभिन्‍न देशों के लोगों से जुड़े विदेशी निकायों के डेटा में 180 देशों के नाम हैं, जिनमें से भारत नामों की संख्‍या की दृष्टि से 19वें स्‍थान पर है. इस सूची में कथित तौर पर 714 भारतीयों के नाम हैं. पैराडाइज पेपर्स में तकरीबन 50 वर्षों के दौरान हुए लगभग 7 मिलियन ऋण समझौते, वित्‍तीय विवरण, ईमेल, ट्रस्‍ट संबंधी दस्‍तावेज एवं अन्‍य कागजात शामिल हैं. यह एक प्रतिष्ठित लॉ फर्म एपलबाई की ओर से संभव हुआ है, जिसके कार्यालय बरमूडा एवं अन्‍य स्‍थानों पर अवस्थित हैं. लीक हुए दस्‍तावेजों में छोटी एवं परिवार के स्‍वामित्‍व वाली ट्रस्‍ट कंपनी एशियासिटी (सिंगापुर) और 19 गोपनीय क्षेत्राधिकारों में अवस्थित विभिन्‍न कंपनी रजिस्ट्री से प्राप्‍त फाइलें शामिल हैं.

मीडिया में अब तक केवल कुछ भारतीयों (कानूनी निकायों के साथ-साथ व्‍यक्ति भी) के ही नाम सामने आये हैं। यहां तक कि आईसीआईजे की वेबसाइट (www.icij.org) पर भी अब तक सभी निकायों के नामों एवं अन्‍य विवरण का खुलासा नहीं किया गया है. आईसीआईजे की वेबसाइट से यह पता चलता है कि संबंधित जानकारियां विभिन्‍न चरणों में उपलब्‍ध कराई जाएंगी और पैराडाइज पेपर्स की जांच से जुड़े संरचित डेटा को इसके ऑफशोर लीक्‍स डेटाबेस पर आगामी हफ्तों में जारी किया जाएगा.

By Editor