भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन्द्र कु. सिंह चन्दापुरी ने कहा है की सरकार पुरानी नीतियों को ही चला रही है और पिछड़े वर्ग के सांविधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा है।

श्री चांदपुरी ने कहा की आगामी 2020 बिहार विधान सभा चुनाव में ये सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा। पिछड़े वर्गों के लोगो के साथ सभी स्तर की नौकरियों की नियुक्तियों में, स्थानांतरण व पदोन्नति , दाखिला में उनके अधिकारों को कुचला जा रहा है।

वर्चुअल कार्यकर्ता सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा की समस्याओं को दूर करने हेतु देश में मंडल आयोग को पूर्णतः लागू करने में आ रही कानूनी अड़चनों को शीघ्र दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजा है किन्तु उस पर कोई कार्रवाई न होना घोर चिंता का विषय है।

पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष ने कहा की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरियों में तथा विकास के दौर में पीछे रह गए पिछड़े, अति पिछड़े व वंचित जातियों के लिए योजनाएं बनाने तथा आबादी के अनुसार आरक्षण के कोटा को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से जाति आधारित जनगणना कराने हेतु दूसरी बार विधानसभा से प्रस्ताव पारित करा कर भेजा है ।

2019 में तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी लोकसभा में बताया था कि 2021 में ओबीसी की जनगणना की जाएगी किन्तु इस मुद्दे से सरकार मुकर गई है जो राष्ट्र की प्रगति के लिए घातक है। आज पिछड़े वर्ग से काम कट ऑफ मार्क्स सामान्य श्रेणी के प्रतिभागियों का हो जाता है जिसके कारण पिछड़े वर्ग में आक्रोश व्याप्त है।

उन्होंने यह भी कहा कहा कि हम पर ज़ुल्म हो रहा है। खुद कोशिश किए बिना कुछ भी न मिल सकेगा।

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