IPS अस्थाना ने चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव पर उठाया बड़ा सवाल

एक अवकाशप्राप्त IPS अधिकारी ने प्रधानमंत्री द्वारा चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव करने की घोषणा पर सवाल उठाया है। कहा, चौरी चौरा और गांधी दोनों सही नहीं हो सकते।

डॉ. एनसी अस्थाना अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। आज उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव आयोजित करने की घोषणा पर ही सवाल उठा दिया है।

उन्होंने ट्विट करके कहा कि चौरी चौरा की घटना के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया था। डॉ. एनसी अस्थाना ने कहा कि यह देश गांधी का बहुत सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि गांधी और चौरी चौरा दोनों सही नहीं हो सकते। महात्मा गांधी चौरी चौरा की घटना से आहत और दुखी थे।

मालूम हो कि 4 फरवरी, 1922 को गोरखपुर जिले में लोगों ने एक जुलूस निकाला था। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जुलूस में गांधी और खिलाफत के नारे लग रहे थे। जब भीड़ पुलिस चौकी पहुंची, तो एक कोने से पत्थर फेंके गए। जवाब में पुलिस ने चौकी के भीतर से गोलियों चलाई। इसके बाद भीड़ बढ़ती गई और अंततः भीड़ ने पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में 23 पुलिसवालों की मौत हो गई थी।

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यह वही समय था, जब देश में महात्मा गांधी के आह्वान पर असहयोग आंदोलन चल रहा था। इस मामले में 228 लोग पकड़े गए थे, जिनमें 19 को फांसी की सजा हुई थी। चौरी चौरा की घटना उस समय हुई, जब असहयोग आंदोलन पूरे देश में फैल गया था। महात्मा गांधी अहिंसा की शक्ति से दुनिया की सबसे ताकतवर सत्ता को चुनौती दे रहे थे।

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इस बीच उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूरे वर्ष चौरी चौरा शताब्दी समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है। समारोह प्रदेश के सभी 75 जिलों में आयोजित किए जाएंगे। पूरे वर्ष विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं होंगी। खुद प्रधानमंत्री ने इस शताब्दी समारोह की शुरुआत की।

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