बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशाद अली( Irshad Ali Azad) आजाद ने कहा है कि ईद से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं जिसका हम सब स्वागत करते हैं.

Irshad ALi Azad ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए जहां राज्य सरकार ने कई सारी योजनायें निकाली हैं वहीं अराजकीय अल्पसंख्यक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के नियोजित षिक्षकों को भी नियत वेतन की जगह वेतनमान देने की घोषणा कर दी है।

सरकार के इस कदम से अल्पसंख्यकों में सरकार के प्रति अच्छा पैगाम गया है। राज्य में 72 अल्पसंख्यक विद्यालय हैं जिसमें सैकड़ों शिक्षक कार्यरत हैं। इन स्कूलों में 27 मई 2011 के बाद जो नियोजित षिक्षक हैं उन्हें 1 जुलाई 2015 के प्रभाव से वेतनमान दिया जायेगा।

बताते चलें कि इन स्कूलों में षिक्षकों को 12500 रूपये दिये जा रहे थे मगर वेतनमान के रूप में अब इन्हें 22500 रूपये मासिक दिये जायेंगे जो राज्य सरकार की ओर से तोहफा है। इन विद्यालयों में प्रषिक्षित एवं अप्रशिक्षित दोनों तरह के शिक्षक कार्यरत हैं और दोनों का वेतनमान भी उसी के अनुसार दिया जायेगा।

माननीय मुख्यमंत्री ने मदरसा षिक्षकों को भी ईद से पहले वेतन देने का आदेश दिया है ताकि मुसलमानों को रामजान और ईद पर्व के मौके पर किसी तरह की वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़ें।

इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बधाई के पात्र हैं। ये बातें बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशाद अली आजाद ने बताई।

श्री आजाद ने बताया कि अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण माननीय मुख्यमंत्री के सपने को साकार करने जैसा है। देश में पहली बार बिहार में छात्र एवं छात्राओं के लिए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण किया जाना है। इसके लिए रोड-मैप भी तैयार किया जा चुका है।

इसकी शुरूआत दरभंगा जिला अन्र्तगत चन्दनपट्टी में किया जा चुका है जिसमें बच्चे एवं बच्चियों के लिए अलग-अलग यूनिट यानी 59 करोड़ रुपये प्रति यूनिट की लागत से आवासीय विद्यालय का षिलान्यास रखा गया। उसमें शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष को भी विशेष रूप आमंत्रित किया गया था।

शिया वक्फ बोर्ड ने अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खोलने के लिए तत्काल में मुजफ्फरपुर, सिवान, भागलपुर, पूर्णिया में वक्फ की भूमि दी है ताकि ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय के लोग इससे लाभान्वित हो सकें।

इरशाद अली आजाद ने कहा कि मेरा मानना है कि अगर हर जिला में एक ही अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खोल दिया जाये तो इससे हजारों लोगों का भला हो जायेगा। इस कार्य को पूरा करने में शिया वक्फ बोर्ड बिहार सरकार का हर संभव सहयोग करेगा।

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