इस बार बुद्ध से कौन-सा ज्ञान ले कर लौटेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले राजगीर जानेवाले मुख्यमंत्री इस बार राजगीर के बाद बुद्ध की शरण में गया भी पहुंचे। कौन-सा ज्ञान ले कर लौटेंगे नीतीश कुमार?

यह बात बिहार के लोग जानते हैं कि जब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोई बड़ा फैसला लिया है, वे महावीर और बुद्ध की धरती राजगीर जरूर जाते रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में वे दर्जों बार नालंदा जा चुके हैं। उन्होंने जिले के हर प्रखंड के गांवों तक दौरा किया। इसे संवाद यात्रा कहा गया था। वे सभी हिंदू और मुस्लिम धार्मिक केंद्रों पर भी गए। अनेक मजारों पर चादर चढ़ाई। यह सब नया था। आज वे फिर से राजगीर पहुंचे। वे इस बार राजगीर तक ही नहीं रुके, बल्कि बुद्ध को जहां ज्ञान की प्राप्ति हुई, वहां भी पहुंचे। गया में बुद्ध की प्रतिमा के आगे सिर झुका कर ध्यान लगाया। इस बार वे क्या निर्णय लेनेवाले हैं?

आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजगीर पहुंचे और अपने ड्रीम प्रोजेक्ट राजगीर में गंगा जल पहुंचने का मुआयना किया। यहां वे काफी लोगों से भी मिले। इसके बाद वे गया जाने के क्रम में नवादा में भी रुके। राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी “गंगा जल उद्वह परियोजना का नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड के डोहड़ा पंचायत स्थित मोतनाजे ग्राम में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं नालंदा जिले में राजगीर रिजरवायर का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इसके बाद वे गया के लिए प्रस्थान कर गए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गया के महाबोधि मंदिर में बुद्ध की शरण में भी पहुंचे। यहां उन्होंने पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की विधियां भी संपन्न की। राजगीर और नवादा में गंगा जल के पहुंचने का मुआयना करते समय राज्य सरकार के मंत्री संजय झा भी साथ थे, लेकिन जब मुख्यमंत्री बुद्ध के निकट पहुंचे, तो वे अकेले ही दिखे। इसी के साथ राजीनित हलकों में कयासों का दौर शुरू हो गया है कि आगे क्या?

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