इस प्यारी-सी तस्वीर से कौन खुश, कौन परेशान

इस तस्वीर में जितनी बात दिख रही है, उससे कहीं ज्यादा बातें नहीं दिख रही है। तस्वीर में वर्तमान तो साफ दिख ही रहा है, गौर से देखें, तो 2024 भी दिख रहा है।

कुमार अनिल

तस्वीर तो एक है, पर संदेश तीन हैं। इसमें जितनी बातें दिख रही हैं, उससे कहीं ज्यादा बातें नहीं दिख रही हैं। तस्वीर में कोई भी देख सकता है कि तेजस्वी यादव की पुत्री को गोद में लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खड़े हैं। कोई गौर से देखे, तो इसमें नीतीश की खुशी भी देख सकता है। तेजस्वी की खुशी भी देख सकता है। लेकिन तस्वीर तीन और भी बातें कहती है।

कल मंगलवार शाम को एक तस्वीर राजद ने शेयर की, जिसमें दिल्ली में लालू प्रसाद से नीतीश कुमार मिल रहे हैं। उस तस्वीर ने कई लोगों को परेशान कर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा में प्रवेश का इंतजार कर रहे आरसीपी सिंह ने उस फोटो के साथ लंबा पोस्ट किया। लिखा-लालू जी शरणं गच्छामि !

अब आज बुधवार को नीतीश कुमार की यह तस्वीर सामने आई, जिसमें वे तेजस्वी यादव की पुत्री कात्यायनी को गोद में लिये हैं। इस प्यारी सी तस्वीर में भविष्य के तीन संदेश भी है। यह प्यारी सी तस्वीर उन लोगों को जलन से भर देगी, जो पिछले साल अगस्त से ही कह रहे हैं कि नीतीश कुमार जल्दी ही राजद का साथ छोड़ कर भाजपा के साथ फिर से सरकार बनाएंगे। बिहार में इस अफवाह को लगातार महीनों तक हवा दी गई। एक बड़े न्यूज चैनल ने दो दिन पहले दिन भर खबर चलाई कि नीतीश राजद को धोखा देने वाले हैं। तो इस तस्वीर ने नीतीश के पाला बदलने और बिहार में भाजपा सरकार की उम्मीद कर रहे लोगों को भारी धक्का पहुंचाया है।

इस तस्वीर का दूसरा संदेश जदयू और राजद के जनाधार के लिए है। दोनों दलों के कार्यकर्ताओं को संदेश है कि आप भी इसी तरह परिवार की तरह हो जाएं। दोनों दलों के जनाधार को संदेश दिया गया है कि यह राजद के साथ जदयू का सियासी गठजोड़ भर नहीं है, बल्कि दोनों का संबंध परिवार की तरह है। तेजस्वी यादव ने भी इस तस्वीर को ट्वीट करके नीतीश कुमार को अभिभावक कहा है।

इस तस्वीर से तीसरा संदेश विरोधियों को दिया गया है कि राजद और जदयू एक परिवार की तरह 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार है। 2024 चुनाव को लेकर किसी के मन में कोई भी खटपट होता, तो ऐसी तस्वीर सामने नहीं आ सकती।

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