इतिहास में पहली बार, राहुल के बोलने से पहले सदन रहा अपंग

भारत के इतिहास में संभवतः पहली बार लोकसभा में विपक्ष बोलना चाहा, तो पूरे सदन का माइक 20 मिनट तक ऑफ रहा। जानिए कांग्रेस और राजद ने क्या लगाया आरोप।

पूरा देश अवाक है। भारत के इतिहास में संभवतः पहली बार लोकसभा में विपक्ष ने जब बोलना चाहा, तो पूरे सदन का माइक 20 मिनट तक ऑफ रहा। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, तो विपक्षी सांसद राहुल गांधी को बोलने दो का नारा लगाने लगे। तभी अचानक पूरे सदन का माइक ऑफ हो गया। लोकसभा सदस्य के होंठ हिल रहे थे, पर उनकी आवाज देश सुन नहीं पा रहा था। सदन का माइक पूरे 20 मिनट तक ऑफ रहा। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला मुस्कराते रहे। 20 मिनट के बाद जैसे ही माइक ऑन हुआ, तो अध्यक्ष ने सदन को स्थगित करने की घोषणा कर दी।

भाजपा ने पूरे सदन का माइक ऑफ रहने को टेक्निकल फॉल्ट बताया, लेकिन कांग्रेस और राजद सहित विपक्ष के दलों ने कहा कि विपक्ष की आवाज देश के लोग न सुनें, इसलिए पूरे सदन का माइक ऑफ किया गया। मालूम हो कि राहुल गांधी ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि उन पर केंद्र के चार मंत्रियों ने सदन में आरोप लगाए हैं। उनका लोकतांत्रित अधिकार है कि उन्हें सदन में जवाब देने का समय दिया जाए। इसके लिए उन्होंने लोस अध्यक्ष से मिल कर समय मांगा था। आज उन्हें बोलने का अवसर मिलता या नहीं, उससे पहले ही पूरे सदन का माइक ऑफ हो गया।

अगर भाजपा की सफाई सही है कि तकनीकी गड़बड़ी हुई, तो फिर माइक ठीक होने पर विपक्ष की बात सुननी चाहिए थी। पर ऐसा नहीं हुआ। इसीलिए कांग्रेस, राजद सहित सभी विपक्षी दलों ने भाजपा पर हमला किया है।

कांग्रेस ने कहा- नारे लगे – राहुल जी को बोलने दो… बोलने दो.. बोलने दो। फिर ओम बिड़ला मुस्कुराए और सदन म्यूट हो गया। ये लोकतंत्र है? जयराम रमेश ने कहा-कथनी में ‘डेमोक्रेसी’ पर करनी में ‘तानाशाही’। अडानी को बचाने के लिए संसद म्यूट।

राजद ने कहा-अमृतकाल में संसद भी म्यूट! अंग्रेजों के दलाल इस गौरवशाली देश से लोकतंत्र को समाप्त करने पर तुले। बीजेपी देश पर कलंक है। राजद सांसद मनोज झा ने कहा-फिर भी संसदीय लोकतंत्र के बारे में अच्छा अच्छा ही बोलना पड़ेगा अन्यथा आप देशद्रोही बताये जाएंगे।

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