जमायत इस्लामी हिंद ने महिला यौन शोषण, कारण और निवारण विषय पर एक सिम्पोजियम का आयोजन किया. इस अवसर पर महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि उन्हें एक ऐसा समाज चाहिए जहां सुंदर से सुंदर महिला भी घर से सोना उछालते हुए निकले तो उसे छेड़ने वाला कोई न हो.

हल्का ए ख्वातीन नाहीद तलअत ने अपने विचार रखते हुए कहा कि महिलाओं के दिलों में लगातार असरुक्षा की भावना बढ़ती जा रही है. आशफा नामक बच्ची के साथ पिछले दिनों जो दरिंदगी हुई, वह घटना देश भर की महिलाओं खास कर बच्चियों के दिलों में दहशत बिठाने वाली है. उन्होंने कहा कि हमारा समाज इस तरह के मुद्दों पर कुछ पल के लिए संवेदनशीलता तो दिखाता है पर अगले ही पल वह अपने नियमित दिनयर्या में गुम हो जाता है और यह मुद्दा यूं ही पीछ छूट जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दों पर हुकूमत और समाज को सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनायें ना दोहराई जायें.

सामाजिक कार्यकर्ता कीर्ति ने कहा कि महिलाओं का यौन शोषण होता है लेकिन ज्यादातर मामलों में अपराधी को सजा नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि अपराधियों के लिए सजा सुनिश्चित होनी चाहिए इसके लिए कानून और समाज दोनों को आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं को खुद के अंदर आत्मविश्वास विकसित करना पड़ेगा.

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता कंचन बाला ने जोरदार लफ्जों में कहा कि मौजूदा व्यवस्था ने महिलाओं को शरीर का महज एक लोथड़ा समझ रखा है, जहां महिलाओं को महज एक वस्तु समझ लिया जाता है. उन्होंने कहा कि इस सोच को बदलने के लिए समाज और संस्थाओं को मजबूती से काम करना होगा.

वहीं शाजिया अहसन ने कहा कि डि और जिटल मीडिया ने हमारे घरों में जिस आक्रामकता से प्रवेश किया है और हमने जिस तरह से इंटरनेट, टीवी फहश लिटरेचर को अपने घरों में जगह दे रहे हैं वह खतरनाक बनता जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन तकनीकों के दुरोपयोग ने समाज में यौन हिंशा को बढावा दिया है.

इस अवसर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला विंग की सदस्य महजबीं नाज ने कहा कि हमें महिला और पुरुष को समान अधिकार देना होगा और दोनों की तरबियत उचित तरीके से करनी होगी.

इस अवसर पर जेबाइश फिरदौस, राफिया अब्बास समेत अनेक महिलाओं ने अपने विचार रखे.

 

By Editor