JDU-BJP दोनों तैयार तो केंद्र से क्यों नहीं मांग रहे खर्च : राजद

जातीय जनगणना पर कल JDU आभार यात्रा निकाल कर थैंक्यू नीतीश बोलेगा। उससे पहले आज राजद ने जदयू-भाजपा के डबल इंजन पर उठाया सवाल।

बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का निर्णय ले लिया है, पर सियासत और सवाल खत्म नहीं हुए हैं। कल 25 जून को जदयू हर जिले में आभार यात्रा निकाल रहा है। इस दौरान बिहार में जातीय जनगणना कराने के निर्णय के लिए पार्टी नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देंगे। इससे पहले आज राजद ने कहा कि बिहार गरीब प्रदेश है। जब भाजपा और जदयू दोनों ही जातीय जनगणना के पक्ष में हैं, तो वे इस पर होने वाले खर्च की मांग केंद्र से क्यों नहीं करते?

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सारे भाजपा-जदयू नेताओं ने कहा था कि डबल इंजन की सरकार बनाइए। इससे राज्य को फायदा होगा। अब जब बिहार को जरूरत है, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर भाजपा के कोई नेता केंद्र के आगे मुंह क्यों नहीं खोल रहे?

गगन ने कहा कि बिहार गरीब प्रदेश है। अगर केंद्र सरकार जातीय जनगणना का खर्च दे, तो इससे बिहार पर बोझ नहीं पड़ेगा। विकास के कार्य बाधित नहीं होंगे। राजद ने कहा कि उसकी मांग बेबुनियाद नहीं है, बल्कि इसके ठोस आधार हैं। खुद प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डबल इंजन का फायदा बताकर लोगों से वोट मांगा था। अब जब बिहार को जरूरत है, तो डबल इंजन के बजाय सिंगल इंजन की तरह क्यों काम कर रहे? राजद ने कहा कि जातीय जनगणना का खर्च केंद्र से नहीं मांगना बिहार के मतदाताओं के साथ धोखा है। यह वादाखिलाफी है।

मालूम हो कि बिहार में जातीय जनगणना पर राज्य का 500 करोड़ रुपए खर्च हो रहा है। इस राशि को राज्य सरकार ने आकस्मिक निधि से लिया है। अगर यह राशि केंद्र सरकार देती है, तो बिहार जैसे पिछड़े राज्य को मदद मिलेगी।

राजद प्रवक्ता गगन ने कहा कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी जातीय जनगणना पर होनेवाले खर्च के बारे में कह चुके हैं कि यह पूरे बिहार का फैसला है, इसलिए केंद्र सरकार इस खर्च का वहन करे।

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