जदयू ने Lallan Singh को छह कारणों से बनाया अध्यक्ष

आज दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सांसद ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों बनाया?

जदयू ने अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया है। सांसद ललन सिंह नए अध्यक्ष बनाए गए। आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों बनाया? ये हैं वे छह प्रमुख कारण, जिससे ललन सिंह बने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष।

1. ललन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेताओं में एक हैं। मुख्यमंत्री के हर फैसले के साथ रहे हैं।

2. ललन सिंह को नीतीश कुमार का मुख्य रणनीतिकार माना जाता रहा है। लोजपा सांसदों को तोड़ने में उनकी प्रमुख भूमिका रही। 2013 में राजद विधायकों को तोड़कर नीतीश कुमार को बहुमत दिलाने में भी उनकी खास भूमिका रही है।

3. ललन सिंह थोड़े समय के लिए 2010 में नीतीश से अलग हुए थे, लेकिन तब भी वे नीतीश कुमार के खिलाफ बहुत आक्रामक कभी नहीं हुए। कुछ ही समय बाद वे पुनः पार्टी में आ गए।

4. ललन सिंह केंद्रीय मंत्री बनने की दौड़ में भी शामिल थे। लेकिन मंत्री सिर्फ आरसीपी सिंह ही बने। नीतीश ने ललन सिंह के मंत्री न बनने की कसक भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर दूर कर दी।

5. जदयू के राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश तक के सभी महत्वपूर्ण पदों पर पिछड़ी जाति के ही नेता हैं। हिंदीभाषी क्षेत्र में किसी क्षेत्रीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर फिलहाल कोई पिछड़े वर्ग के नेता नहीं हैं। नीतीश कुमार ने यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी सिर्फ लव-कुश की राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि वह सवर्णों के लिए भी पार्टी में सम्मान और स्थान है।

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6. ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने भाजपा को भी एक संदेश दे दिया है। बिहार में सवर्ण मतदाता भाजपा के साथ है, लेकिन बिहार भाजपा अध्यक्ष और सरकार में दोनों उपमुख्यमंत्री पद पर कोई सवर्ण नहीं है। जदयू की कोशिश होगी कि सवर्ण मतदाताओं के एक हिस्से को अपनी तरफ खींचे।

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