जिनके लिए ताली बजाई, उनकी ठुकाई हो रही, कुछ तो बोलिए..

जब अन्नदाता लड़ रहा था, तब मध्यवर्ग मान रहा था कि ये असली किसान नहीं हैं। अब तो दिल्ली में असली डॉक्टरों को पीटा गया। वे रातभर ताली बजाकर बुलाते रहे..।

जब देश के किसानों पर लाठी बरस रही थी, तब लोग चुप थे। सत्ता और मंत्री कह रहे थे कि ये असली किसान नहीं हैं। भक्त आगे बढ़कर खालिस्तानी, पाकिस्तानी और कांग्रेसी न जाने क्या-क्या कह रहे थे। अब तो दिल्ली में उन डॉक्टरों को पीटा गया, जिनके लिए आपने ताली बजाई थी। उन्हें धरती का भगवान कहा था। वे ठंड भरी रात में नारे लगाते रहे, लेकिन ताली को लाइव दिखानेवाला कोई एंकर-रिपोर्टर नहीं पहुंचा। ताली बजानेवाला मध्य वर्ग भी चुप है। डॉक्टर और कुछ पत्रकार लगातार ट्विटर पर वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें अपमानित होते डॉक्टर दिख रहे हैं।

ताली बजानेवाले चुप हैं, लेकिन दिल्ली में डॉक्टर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। कल शाम जब उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के आवास जाने की कोशिश की, तो 2500 डॉक्टरों को पुलिस ने डिटेन कर लिया। डॉक्टरों की पिटाई के विरोध में आज देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल की है।

जीबी पंत अस्पताल के न्यूरो सर्जन कहते हैं कि 100 बेड के अस्पताल में 20 की जगह 10 डाक्टर हैं, बताइए हम कैसे काम करें। कई डॉक्टर बता रहे हैं कि सप्ताह में कई बार उन्हें 24 घंटे काम करना पड़ता है। पत्रकार निवेदिता शांडिल्य ने कहा-जिन डॉक्टरों के दम पर कोरोना को रोकने की बात हो रही वो ठंड रात में सड़कों पर बैठे हैं। राजधानी दिल्ली में 2500 रेजिडेंट डॉक्टरों को डिटेन किया गया है। 20 दिन से ज्यादा वक्त हो गया इस हड़ताल को लेकिन कोरोना की तैयारियां कर रहे सरकार बहादुर ने इनसे बात तक नहीं की है।

कांग्रेस के यश त्रिवेदी ने तंज कसते हुए कहा-ये नकली डाॅक्टर हैं असली डाॅक्टर तो अस्पतालों में काम कर रहे हैं मोदी जी को बदनाम करने के लिए डाॅक्टर-जीवियों को चीन और पाकिस्तान फंडिंग कर रहे हैं ये सब डाॅक्टर कांग्रेसी है।

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