जिसके नाम में राम उस हल्दीराम के पीछे पड़ा ‘नफरती चैनल’

हल्दी राम के पैकेट पर हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू में विवरण। एक न्यूज चैनल को अंग्रेजी से पीड़ा नहीं, लेकिन उर्दू को हिंदू भावनाओं के खिलाफ बताया। वीडियो वायरल।

गैस के दाम बढ़ने से केवल मुसलमान परेशान हैं, हिंदू को कोई परेशानी नहीं। हिंदू को परेशानी है हल्दीराम के पैकेट पर हिंदी, अंग्रेजी के साथ उर्दू में नाम लिखे जाने से। यही साबित करने के लिए एक टीवी चैनल की रिपोर्टर हल्दीराम के शोरूम में घुस गई और स्टाफ के मुंह पर माइक सटाकर बार-बार एक ही सवाल कर रही है कि पैकेट पर उर्दू में क्यों नाम लिखा। वह स्टाफ बार-बार समझा रही है कि नाम तीन भाषाओं में लिखा है। आपको अंग्रेजी आती है, तो अंग्रेजीवाला पढ़ लीजिए। हिंदी आती है, तो हिंदी वाला पढ़ लीजिए। आप उर्दू वाला नाम मत पढ़िए। लेकिन रिपोर्टर एक ही बात बार-बार पूछ रही है कि उर्दू में नाम क्यों लिखा।

टीवी में इस रिपोर्ट को हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़ और हल्दीराम का मजहबी प्रेम शीर्षक से चलाया जा रहा है। इसका वीडियो देख कई लोगों ने करारा जवाब दिया।

स्वाति मिश्रा ने लिखा-हल्दीराम के पैकेट पर उर्दू में लिखने पर कुछ लोग सवाल कर रहे हैं. ये लोग नोट (रुपया) देखते ही उसे फाड़ देते होंगे, उर्दू में तो उस पर भी लिखा है।

आलोचना का स्त्री पक्ष जैसी चर्चित पुस्तक की लेखिका सुजाता ने लिखा-भाई, मुस्लिम देशों में कमाने गए हुए नवरात्र मनाने वाले हिंदुओं को वापस बुलाओ। यहाँ खाने के पैकेट पर अरबी लिखी होने से धर्म भ्रष्ट हो रहा है और वहाँ तो धरती,अन्न,जल, हवा सब अरबी, सुदर्शन के हिसाब से उर्दू, है।

राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने सूचना मंत्री को टैग करते हुए लिखा-क्या यह उचित है माननीय सूचना मंत्री @ianuragthakur जी? क्या अपने टीआरपी के लिए इस प्रकार स्टाफ को तंग करना और नफरत फैलाना सही है? क्या इस पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ? कई लोगों ने पतंजलि के पैकेट पर उर्दू में लिखे होने का फोटो भी शेयर किया है।

समीर कपूर ने ठीक ही लिखा-ये जो अब्दुल है ना इसको ही बकरे की रान खानी है जो पांच घण्टे पकती है सिम पर. यहां हिंदुओं ने तो लौकी तरोई खानी है जो पांच मिनट में पकती है. कुकिंग गैस का दाम बढ़ाने का मास्टर स्ट्रोक समझे? बिलबिला रहा है अब्दुल, चूड़ी ऐसी टाईट की है बिना रिंच प्लास के ! थैंक्यू ****जी

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