कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस सी. एस. कर्णन छह महीने बाद बुधवार को कोलकाता जेल से रिहा हो गए. उनपर अदालत की अवमानना का आरोप लगा था. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जे एस खेहर और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले जस्टिस सी. एस. कर्णन को सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मई में उन्हें 6 महीने जेल की सजा सुनाई थी.

नौकरशाही डेस्क

मामले की सुनवाई के दौरान इस बात को लेकर असमंजस बना हुआ था कि क्या जस्टिस कर्णन को उनके रिटायर होने के बाद जेल भेजना चाहिए. इसे एक जज के जेल जाने से न्याय व्यवस्था पर कलंक माना जा रहा था. मगर, बाद में यह माना गया कि इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि अवमानना किसने की.

बता दें कि जस्टिस कर्णन ने 20 पद पर काबिज जजों और सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस मामले में जस्टिस कर्णन ने CBI को निर्देश देते हुए इस जांच की रिपोर्ट संसद को सौंपने के लिए कहा था. इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर ने इसे अदालत की अमनानना बताया था और 7 जजों की एक खंडपीठ का गठन किया था. जिसने जस्टिस कर्णन के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना से जुड़ी कार्रवाई शुरू की और सजा सुनाई.

 

 

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