किशनगंज चुनाव और मौलाना रहमानी:साफ छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं

चुनाव से एक दिन पहले मौलाना वली रहमानी का फोन टेप सामने आया है जिसमें वह एमाईएम को किशनगंज में सपोर्ट करने की बात कह रहे हैं जबिक नौकरशाही डॉट काम के एडिटर इर्शादुल हक को उन्होंने कहा कि वह किसी दल को सपोर्ट करने की अपील नहीं करेंगे.

इमारत ए शरिया के अमीर वली रहमानी ने नौकरशाही डॉट कॉम से कहा है कि किशनगंज कटिहार में वह किसी उम्मीदवार या पार्टी को सपोर्ट  करने या न करने की अपील नहीं करेंगे. उनका यह सार्वजनिक बयान तब आया है जब सोशल मीडिया में एक ऑडिया सर्कुलेट हो रहा है जिसमें मौलाना रहमानी को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि उन्होंने किशनगंज में एमआईएम के उम्मीदवार अख्तरुल ईमान को सपोर्ट किया जाये.

नौकरशाही डॉट कॉम ने इस ऑडियो की प्रमाणिकता की जांच नहीं की है. इस ऑडियो में  शमीम रियाज नदवी नामक व्यक्ति और मौलाना वली रहमानी की बात चीत है. शमीम इस बात की तस्दीक करते हुए मौलाना रहमानी से पूछ रहे हैं कि क्या उन्होंने किशनगंज से अख्तरुल ईमान को अपनी मदद का ऐलान किया है. इस पर ऑडियो में यह जवाब दिया जा रहा है कि चूंकि संसद में बोलने वाले उम्मीदवार की जरूरत है इसलिए अख्तरुल ईमान को जिताया जाना चाहिए.

 

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इस ऑडियो के सर्कुलेट होने के बाद नौकरशाही डॉट कॉम के सम्पादक इर्शादुल हक ने उनसे बातचीत की और पूछा कि किशनगंज, कटिहार आदि क्षेत्रों में हो रहे चुनाव में आप क्या संदेश देना चाहते हैं. इसके जवाब में मौलाना रहमानी ने कहा कि चूंकि अब कल चुनाव होना है इसलिए मैं कोई अपील नहीं करूंगा लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि तमाम लोग  अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी को निभायें और तंदही से वोट करें.

मौलाना रहमानी ने कहा कि कोई भी पार्टी सेक्युलर नहीं है. भाजपा भी खुद को सेक्युलर कह देती है. आप उनकी बातचीत यहां सुन सकते हैं.

गौरतलब है कि मौलाना रहमानी का जो ऑडियो सोशल मीडिया पर घूम रहा है उसकी बातचीत से ऐसा स्पष्ट है कि उसमें निजी तौर पर कुछ लोगों को कहा जा रहा है कि वे एमाईएम के प्रत्याशी को सपोर्ट करें. जबकि नौकरशाही डॉट कॉम के साथ बातचीत में वह सार्वजनिक तौर पर ऐसी किसी तरह की अपील करने से परहेज करते हुए दिख रहे हैं.

 

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि मौलाना रहमानी ने खुल कर सार्वजनिक तौर पर एमाईएम को सपोर्ट क्यों नहीं किया?

माना जाता है कि मौलाना रहमानी सत्ताधारी और विपक्ष की अनेक पार्टियों के नेताओं से काफी करीब हैं. चूंकि मौलाना रहमानी ने सार्वजनिक तौर किसी को सपोर्ट करने से परहेज किया ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया?

By Editor