क्या पीएम फिर माफी मांगते हुए टेनी को हटाएंगे या चुपके से

भाजपा नेता व गृहराज्य मंत्री टेनी की बरखास्तगी को लेकर दो दिनों से संसद में हंगामा है। क्या प्रधानमंत्री एक बार फिर से माफी मांगते हुए हटाएंगे या चुपके से।

जब से लखीमपुर जनसंहार मामले में एसआईटी ने कहा कि हत्या जानबूझकर, इरादतन की गई, तब से भाजपा नेता और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बरखास्तगी की मांग जोर-शोर से हो रही है। दो दिनों से संसद में हंगामा है। कांग्रेस सहित सारे विपक्षी दल आक्रामक हैं। इसके बाद अब यह देखना है कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में किसानों से माफी मांगते हुए तीन कृषि कानून वापस लिये, उसी तरह एक बार फिर से शहीद परिवारों और किसानों से माफी मांगते हुए टेनी को बरखास्त गकरेंगे या चुपके से टेनी इस्तीफा दे देंगे?

देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसानों को खुलेआम धमकी देनेवाला, दो मिनट में ठीक कर देने की धमकी देनेवाला देश का गृह राज्य मंत्री है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा है। बेटे ने इरादतन थार जीप से किसानों को भयानक तरीके से रौंदकर मार डाला। इसके बाद मंत्री कहते रहे कि उनका बेटा वहां नहीं थे। किसानों को मंत्री खालिस्तानी आतंकवादी बताते रहे। अगर वीडियो न होता और सुप्रीम कोर्ट की डांट न पड़ती, तो सच्चाई कभी सामने नहीं आती।

अब सच्चाई सामने आ चुकी है, पूरा विपक्ष, देश की व्यापक जनता कह रही है कि मंत्री को बरखास्त किया जाए, पर प्रधानमंत्री पता नहीं क्यों हटा नहीं रहे। यह तो तय है कि प्रधानमंत्री को एक बार पिर झुकना पड़ेगा। सवाल बस इतना है कि प्रधानमंत्री किस तरह झुकते हैं। क्या देश से, किसानों से माफी मांगते हुए मंत्री को हटाते हैं या मंत्री को खुद ही इस्तीफा देने को कहते हैं।

आज प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री एक अपराधी का बचाव कर रहे हैं। टेनी को नहीं हटाना सरकार का नैतिक दिवालियपन है। धर्म का चोला पहनन लेने से सच्चाई नहीं बदल जाएगी। एनसीपी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि टेनी को नहीं हटाया, तो प्रधानमंत्री का गंगा स्नान बेकार हो जाएगा।

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