लखीमपुर हिंसा का मुख्य आरोपी अबतक फरार क्यों : SC

एक दौर था, जब सुप्रीम कोर्ट की किसी एक टिप्पणी से सरकारें हिल जाती थीं, क्या अब समय बदल गया है? आज लखीमपुर मामले में SC योगी सरकार से खफा दिखा।

जिस पर देश की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है उस केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा लखीमपुर मामले में धारा 302 का आरोपित है। पांच दिन हो गए, आज तक पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। देशभर में विरोध होने के बाद कल शाम पुलिस ने देश के गृहराज्य मंत्री के नेमप्लेट के नीचे सूचना चिपकाई, जिसमें मंत्री के बेटे को हाजिर होने का आदेश दिया गया था।

आज सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर कांड की सुनवाई करते हुए राज्य की योगी सरकार से नाराजगी जताई। कल ही कोर्ट ने अबतक की कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। आज कोर्ट ने लखीमपुर हिंसा में पुलिस द्वारा अबतक हुई कार्रवाई के प्रति अपना असंतोष दर्ज किया। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा फरार है।

वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने सुनवाई कर रही बेंच से कहा कि राज्य सरकार हर कदम उठाएगी और जांच शुरू कर दी गई है। बेंच ने अपनी टिप्पणी के साथ 20 अक्टूबर तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।

सुनवाई के दौरान जब साल्वे ने कहा कि पुलिस ने आरोपित को हाजिर होने के लिए समन जारी किया है, तो बेंच ने पूछा कि अब तक हिंसा के आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया?

कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि लखीमपुर में आठ लोगों भयानक तरीके से मारे गए हैं। आमतौर से ऐसे मामले में पुलिस तुरत आरोपित को गिरफ्तार करती है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि इस मामले में उसी तरह कार्रवाई करें, जैसे आम आदमी के मामले में पुलिस करती है। कोर्ट ने जांच करनेवाली टीम पर भी सवाल उठाया कि सारे अधिकारी स्थानीय हैं।

इधर, मंत्री के बेटे के नेपाल भाग जाने की चर्चा होती रही। कुछ मीडिया दावा कर रहे हैं कि मंत्री पुत्र कल सरेंडर करेगा। फिर भी सवाल तो है कि क्या देश में कानून आम आदमी के लिए अलग और मंत्री के बेटे के विए अलग है।

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