लाखों एकलव्य : रात 12 बजे 10 किमी दौड़नेवाला युवा चर्चा में

वह 19 साल का है। एक कंपनी में काम करता है। काम खत्म कर वह रोज रात 10 किमी दौड़कर कमरे तक पहुंचता है। उसके जज्बे को सलाम। पर जरा सोचिए…।

फिल्म निर्माता निवोद कापरी अपनी कार से कहीं जा रहे थे। रात के 12 बज रहे थे। तभी उन्हें सड़क किनारे पीठ पर बैग लटकाए एक युवा दौड़ता दिखा। उन्होंने समझा कि वह लड़का शायद किसी विपत्ती में हो, तो उन्होंने गाड़ी धीमी करके उस युवा को लिफ्ट देने की पेशकश की। लेकिन उस लड़के ने मना कर दिया। वह दौड़ता रहा और विनोद कापरी उसके बार में पूछते रहे। उसने जो बताया, उसे सुन लोग उसके जज्बे को सलाम कर रह हैं, पर कुछ सवाल भी उठते हैं, जिस पर विचार करना बेहद जरूरी है।

विनोद कापरी ने उसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया में डाल दिया। फिर तो यह वीडियो वायरल हो गया। उसका नाम प्रदीप मेहरा है। वह 19 साल का है। मैकडोनल्ड कंपनी में काम करता है। काम से छुट्टी मिलने पर वह रोज दस किमी दूर दौड़कर अपने कमरे तक पहुंचता है। वह सेना में भर्ती होने की इसी तरह तैयारी करता है। वह कमरे पहुंचकर खाना बनाएगा। तब खाएगा। उसका एक भाई भी है। वह भी कहीं काम करता है। विनोद कापरी ने प्रदीप को साथ खाना खाने का ऑफर दिया, तो प्रदीप ने कहा कि वह उनके साथ खाना खा लेगा, तो भाई भूखा रह जाएगा।

आज सुबह से ट्विटर पर #PradeepMehra ट्रेंड कर रहा है। लोग उसके जज्बे को, उसकी दृढ़ता और लगन को सलाम कर रहे हैं। साथ ही यह सवाल भी है कि भारत में युवाओं का वर्तमान और भविष्य दोनों ही कितना कष्टसाध्य है, कितना अनिश्चित है।

उसे कोई ट्रेनिंग देनेवाला नहीं है। घर में उसके लिए खाना तैयार रखने वाला कोई नहीं है और उसे अपने खाने और कमरे के किराए का भी खुद ही इंतजाम करना पड़ रहा है। न जाने देश में कितने युवा उचित ट्रेनिंग के अभाव कारण अपने सपने पूरा नहीं कर पाते। हम पुराने आख्यानों में एक एकलव्य की कहानी सुनते हैं, जिसे कोई गुरु नहीं मिला था। उसने बिना गुरु के सहयोग के ही अभ्यास किया। हद तो यह हुई कि गुरु ने ही उसका अंगूठा मांग लिया। खैर गनीमत है कि प्रदीप से किसी ने ऐसा कुछ नहीं मांगा है, बल्कि लोग उसकी सफलता की दुआएं कर रहे हैं। पर सवाल तो है कि आज का युवा किस विकट स्थिति में फंसा है!

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