राज्यपाल लालजी टंडन ने राज्य में उच्च शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधार-प्रयासों पर संतोष जाहिर करते हुए आज कहा कि इन प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर महसूस किया जा रहा है लेकिन उच्च शिक्षा के विकास-प्रयासों को और अधिक तेज करने की आवश्यकता है। 

श्री टंडन ने आज यहां उच्च शिक्षा के विकास-प्रयासों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधार-प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर भी लोग महसूस करने लगे हैं, लेकिन यह आवश्यक है कि उच्च शिक्षा के विकास-प्रयासों को और अधिक तेज किया जाये। उन्होंने कहा, “ बैठकों में जो निर्णय लिए जाते हैं, जो नीतियाँ निर्धारित होती हैं, उनपर पूरी तरह अमल होना और इसकी सतत् मोनिटरिंग के लिए तंत्र विकसित किया जाना बेहद जरूरी है।”

राज्यपाल ने कहा कि यह संतोष की बात है कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में दो को छोड़कर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों ने ‘दीक्षांत समारोह’ आयोजित करते हुए डिग्रियाँ वितरित कर दी गई हैं। यह मौजूदा सुधार-प्रयासों का ही नतीजा है। राज्यपाल ने कहा कि शेष दो विश्वविद्यालयों में भी शीघ्र ही ‘दीक्षांत समारोह’ आयोजित होंगे।

 

बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास के लिए सभी कुलपतियों को अपने शिक्षण संस्थानों में अध्ययन-अध्यापन के अनुकूल वातावरण विकसित करते हुए नियमित शिक्षण की गतिविधियाँ सुनिश्चित करनी चाहिए। ट्यूटोरियल क्लासेज, पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं आदि पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। उच्च शिक्षा के सभी घटकों-शिक्षक, विद्यार्थी, शिक्षकेत्तरकर्मी, सरकारी विभाग, आदि -सबको अपने दायित्वों के प्रति तत्पर और अपनी जिम्मेवारियों के प्रति पूर्ण सजग रहना होगा।

बैठक में विश्वविद्यालयों से शीघ्र सहायक प्राध्यापकों की रोस्टर सहित रिक्तियां माँगने का भी निर्णय लिया गया ताकि नवगठित ‘बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग’ के माध्यम से नियुक्ति-प्रक्रिया जल्द प्रारंभ करायी जा सके। बैठक में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सूचना प्रौद्योगिकी (प्रबंधक) एवं डाटा इन्ट्री ऑपरेटरों के पद-सृजन पर भी गंभीरता से विचार किया गया। साथ ही, नियमित प्राचार्यों की नियुक्ति, विश्वविद्यालय शिक्षकों की प्रोन्नति आदि पर भी गंभीरता से विमर्श हुआ।

By Editor