RJD-Lalu-prasad22 वर्षों से RJD अध्यक्ष पद पर लालू को इस बार भी नहीं कोई चुनौती

राष्ट्रीय जनता दल RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए लालू प्रसाद की तरफ से नामांकन दाखिल किया गया. लालू  पार्टी के स्थापना काल यानी 22 वर्षों से अध्यक्ष हैं और वह फिर निर्विरोध चुने जायेंगे.

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22 वर्षों से RJD अध्यक्ष पद पर लालू को इस बार भी नहीं कोई चुनौती

आज तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने लालू प्रसाद के प्रितिनिधि के तौर पर उनका नामांकन पत्र दाखिल किया.

राजद सुप्रीमो श्री लालू प्रसाद की ओर से राजद वरिष्ट नेता यथा नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, राजद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्वमंत्री एवम विधायक श्री तेजप्रताप यादव, पूर्वमंत्री श्रीमती कांति सिंह,विधायक श्री भोला यादव निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिये नामजदगी का पर्चा दाखिल किया ।

 

इस अवसर पर पर राजद के पूर्व प्रदेशअध्यक्ष यथा श्री रामचन्द्र पूर्वे, श्री रमई राम सहित राजद के अनेकों विधायक एवम वरिष्ट पदाधिकारी उपस्थित थे । नामांकन का पर्चा दाखिल करने के बाद नेता प्रतिपक्ष पत्रकारों के साथ बातचीत की और कहा कि लालू प्रसाद फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जायेंगे.

 

इस बदलाव को समझिये पूर्वे हुए ‘पूर्व’ जगदानंद हैं RJD के वर्तमान

इस बार भी इस बात की पूरी संभावना है कि कोई भी उनके खिलाफ नामांकन दाखिल नहीं करेगा और वह निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिये जायेंगे. काबिले जिक्र है कि लालू प्रसाद इन दिनों चारा घोटाला मामले में रांची की जेल में हैं.

अभी हाल ही में राजद के सांगठनिक चुनाव की प्रदेश स्तर की प्रक्रिया पूरी हुई है और जगदानंद सिंह बिहार प्रदेश के अध्यक्ष चुने गये हैं.

 

राष्ट्रीय जनता दल RJD का इतिहास

राष्ट्रीय जनता दल का गठन लालू प्रसाद ने 1997 में की थी. तब तक लालू जनता दल का हिस्सा थे. लेकिन चारा घोटाला मामले के बाद लालू प्रसाद ने 17 लोक सभा के 17 और राज्य सभा के 8 सांसदों को साथ ले कर उन्होंने नयी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का गठन कर लिया. 5 जुलाई 1997 को राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया गया और लालू प्रसाद पार्टी के प्रथम अध्यक्ष चुने गये. तब से लगाता लालू प्रसाद पार्टी के निरविरोध अध्यक्ष चुने जाते रहे हैं.

2008 में राष्ट्रीय जनता दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हुआ था जो कि 2010 तक बरकरार रहा.

 

 

 

By Editor