राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अयोध्‍या में राम मंदिर बनाने को लेकर मचे घमासान के बीच आज कहा कि मेरा राम मेरे हदय में सदैव मेरे अंग-संग रहता है. मैं उन्हें मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारे और चर्च में नहीं खोजता. साथ ही लालू ने भाजपा और राम मंदिर बनाने की मांग करने वालों पर अपने ही अंदाज में हमला भी बोला और ट्विटर पर लिखा कि डूबते को “राम” का सहारा, तिनका पुराना हो गया.  

नौकरशाही डेस्‍क

लालू प्रसाद ने आज सुबह ट्विटर के जरिये कहा कि मैं मेरे परम प्यारे “राम” से वोट नहीं मांगता, बल्कि उस पालनहार से अमन में सुख-शांति,समृद्धि और ख़ुशहाली की प्रार्थना करता हूं. मैं उन्हें मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारे और चर्च में नहीं खोजता. वे मेरे अंदर सदैव रहते हैं. वहीं, लालू ने एक अन्‍य ट्विट में लिखा कि इस देश में राजनीतिक मर्यादा, भाषा और व्याकरण को सिर्फ़ और सिर्फ़ एक व्यक्ति ने तार-तार एवं तहस-नहस किया है.

इससे पहले लालू ने गुरूवार को एक एनडीटीवी की उस खबर को शेयर किया था, जिसमें 25 सितंबर, 1990 को उस समय BJP के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि – बाबरी मस्जिद विवादित स्थल पर राममंदिर निर्माण के लिए समर्थन जुटाने की खातिर गुजरात के सोमनाथ से रथयात्रा शुरू की थी. उनका इरादा राज्य-दर-राज्य होते हुए 30 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंचने का था, जहां वह मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए होने वाली ‘कारसेवा’ में शामिल होने वाले थे. मगर, 23 अक्टूबर को उन्हें बिहार के समस्तीपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आदेश पर गिरफ्तार कर लिया गया था.

 

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