लालू प्रसाद ने भाजपा और नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है कि तुम लोग मुझे जेल में डालना चाहते हैं. जेल में रहने पर मुझे और ज्यादा वोट मिलता है.डररपोक भाजपाई मुझे जेल से डराते हैं तो सुनो मैं वहां भी मैं बादशाही में रहता हूं और वहीं से तुम्हें भगा के छोडूंगा

‘बार-बार मैं बोलता हूं सुनो मोदी मैं जानता हूं कि तुम लोग चाहते हो कि लालू यादव के अनुपस्थिति में चुनाव हो. तुम लोग मुझे जेल भिजवाना चाहते हो तुम्हारी हिम्मत है तो जेल भिजवा कर देखो. लालू को तुम चाहे जितना भी पहाड़ पर फेंक दो जितना ही ऊंचा रखोगे उतना ही ज्यादा वोट मेरे पक्ष में पड़ेगा. हमारी ताकत दुगनी होती जाएगी। ई भाजपाई डरपोक मुझे जेल से डराते हैं। जेल में भी मैं बादशाही में रहता हूं जेल में भी मैं वही काम करता हूं जो मैं बाहर करता हूं.

चार वर्ष पूर्व रांची में जेल में था। मेरे बहुत हितैषी हैं जो फल मिठाई और उपहार लाते थे। एक तो हमारा अध्यक्ष है गया का, मुस्लिम निजाम नई-नई दोस्ती हुई है. जेल में फल एक-एक ट्रक भरकर आता था. आदत नहीं है फल खाने की, कोई खोवा ले जा रहा है तो कोई कुछ ले जा रहा है सब जमा करते थे. सब बंदी (कैदी) को आदिवासी बंदी को जितना है लाइन लगाकर खड़े होकर सब वहीं बांट देते थे. उन्हीं लोगों को बांट देते थे.

एक बार रांची के हटवार जेल के सिपाही ने उन्हीं के समान से आधा समान रख लिया था. एक आदमी हमारे लिए फल लेकर जेल में आया तो गेट पर सिपाही ने आधा फल रखवा लिया. उसकी आदत खराब हो गई थी. मुझे पता चला तो मैंने पूछा, ‘चल तो कौन निकाल लिया. उस सिपाही को, खड़ा करके जेलर से कहा सस्पेंड करो. तुम क्यों निकाला हमारा आने वाला सामान, कहा कि सर आज से नहीं निकालेगा।

जब फल बांटने लगे हैं तो गरीब आदिवासी ऐसे निहार रहे थे कि क्या-क्या आया है. मैंने कहा आज जामुन मिलेगा. उन लोगों ने काला अंगूर देखा नहीं था कभी, उ बोला कि जामुन है… तो हम कहे कि नहीं काला अंगूर है खाओ तो. मैं तो जेल में भी लोगों की सेवा करता हूं। इन भाजपाईयों को खदेड़ें बिना चैन से नहीं बैठूँगा। सारा income tax, CBI और ED महकमा लालू के पीछे पड़ा है लगता है हमारे लिए ही बना है।

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