तस्लीमुद्दीन जैसे सियासतदां सदियों में पैदा होते हैं जो अपनी जिद्द और अपनी शर्तों पर राजनीति करते हैं, कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाते बल्कि उन्हें सम्मान देने वाले उनके सामने लाइन में  खड़े रहते हैं.ये बातें जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय कंवेनर अशफाक रहमान ने कही. 

 

उन्होंने कहा कि जनता दल राष्ट्रवादी ऐसे अनमोल राजनीतिज्ञ को सलाम करता है. अशफाक रहमान ने कहा कि तस्लीमुद्दीन साहब की सियासत, जनता दल राष्ट्रवादी की सियासत के उसूलों से काफी करीब थी.

बीते दिनों राजद सांसद व पूर्व मंत्री तस्लीमुद्दीन का निधन चेन्नई के एक अस्पताल में हो गया था. उनकी मौत पर गहरे रंज का इजहार करते हुए जेडीआर के नेता ने कहा कि भले ही कहने को तस्लीमुद्दीन साहब एक पार्टी में थे लेकिन व्यावहारिक सच्चाई यह थी कि तस्लीम साहब खुद एक पार्टी थे.

 

उन्होंने कभी किसी दल से चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मांगा, बल्कि खुद पार्टियां उनके घर पहुंच कर टिकट दा करती थीं. अशफाक रहमाने तस्लीमुद्दीन के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने सीमांचल के दबे-कुचले और बेजुबान लोगों की आवाज बन गये थे. लाखों लोगों की नागरिकता की वैधता की लड़ाई को उन्होंने अंजाम तक पहुंचाया और सीमांचल के हीरो बन कर उभरे.

 

अशफाक रहमान ने कहा कि तस्लीमुद्दीन सीमांचल की तकदीर बदलना चाहते थे. इसमें वह काफी हद तक कामयाब रहे लेकिन कुछ ताकतें ऐसी रही हैं जो उनके इस सपने को पूरा नहीं होने देना चाहती थीं. उनके खिलाफ विरोधियों ने हमेशा साजिश रची जिसके कारण सीमांचल की तरक्की और खुशहाली का उनका सपना अधूरा रह गया.

 

अशफाक रहमान ने कहा कि जनता दल राष्ट्रवादी तस्लीमुद्दीन के अधूरे सपनों को पूरा करने का प्रयत्न करेगा. उन्होंने कहा कि जबतक दबा कुचला समाज अपनी जिद और अपनी शर्तों पर सियासत नहीं करेगा तब तक उस समाज को दबाया जाता रहेगा. तस्लीमुद्दीन साहब की सियासत से नयी नस्ल को सबक लेने की जरूरत है.

 

 

 

 

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