मांझी ने क्यों कहा 10 मार्च के बाद क्या होगा कह नहीं सकते

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने यह कह कर सियासी सस्पेंस बढ़ा दिया कि 10 मार्च के बाद बिहार में क्या होगा कह नहीं सकते। क्या नीतीश कोई बड़ा निर्णय लेंगे?

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांजी ने आज अचानक सियासी सस्पेंस बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का कल चुनाव परिणाम आएगा। उसके बाद बिहार में क्या होगा, हम कह नहीं सकते। उनके इस बयान के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला करेंगे, जिससे राज्य की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव हो जाएगा? क्या वे भाजपा से रिश्ते बिगड़ने का रिस्क लेकर भी जाति-जनगणना का फैसला ले लेंगे? क्या राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनेंगे और राज्य के सीएम पर भाजपा नेता को बैठाने का रास्ता साफ करेंगे या इन सबसे अलग कुछ ऐसा करेंगे जिससे बिहार की राजनीति पूरी तरह बदल जाएगी?

एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आज कहा कि यूपी में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। लेकिन 10 मार्च के बाद बिहार में क्या होगा, कह नहीं सकते।

जीतनराम मांझी के बयान को हाल में वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के बदले रुख से बी जोड़कर देखा जा सकता है। पूरे यूपी चुनाव में मुकेश सहनी भाजपा के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते रहे। उन्होंने कई क्षेत्रों में निषाद प्रत्याशी दिए। क्या उनका भाजपा से मोहभंग हो गया है और वे भाजपा का साथ छोड़ेंगे? अगर उन्होंने भाजपा के खिलाफ जाने का फैसला लिया, तब भी बिहार की राजनीति में बड़ा फर्क आ सकता है।

बिहार विधानसभा में विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेर रहा है। शिक्षा, रोजगार जैसे सवालों के अलावा विपक्ष ने एक नया सवाल उठा दिया है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मुसलमानों के खिलाफ संविधान विरोधी बयान दिया। तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से इस पर वक्तव्य की मांग की। अब तक भाजपा ने बचौल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। तो क्या इसे लेकर एनडीए में कुछ हो सकता है।

और खुद जीतनराम मांझी भाजपा से खुश नहीं कहे जा सकते। तो क्या वे कोई नया स्टैंड लेनेवाले हैं?

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