अपने राजनीतिक तौर तरीकों से अकसर सब को चौंका देने वाली मायावती ने अब बिहार में महागठबंधन को धता बताते हुए राज्य के सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है.

उसने हाल ही में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ा था. अब खबर है कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस वाले गठबंधन में शामिल नहीं होगी और अकेले सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी.
बसपा की अध्यक्ष मायावती ने राज्य के नेताओं की दिल्ली में बैठक बुलाई है. यह बैठक 28 फरवरी को होनी है.
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भरत बिंद ने सोमवार को बताया कि पार्टी अध्यक्ष मायावती ने इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बिहार को निर्देश जारी किया है, जिसके मुताबिक पार्टी सभी 40 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी.
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उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में बसपा के जनाधार और सक्रियता को बढ़ाने का प्रयास प्रारंभ कर दिया गया है. इस बीच, बिहार प्रदेश प्रभारी डॉ़ लाल जी मेधंकर ने एक बयान जारी कर कहा है कि राजनीतिक और जातिगत भागीदारी को ध्यान में रखते हुए सभी सीटों पर उम्मीदवारों का चयन करने का भी निर्देश अध्यक्ष द्वारा दिया गया है. इसमें बिहार के प्रमुख पदाधिकारियों  व लोकसभा क्षेत्रों उम्मीदवारों को शामिल होना है.  उन्होंने कहा कि बिहार में पार्टी की जनाधार व गतिविधि को गति प्रदान करने के संबंध में यह निर्णय लिया गया है.
याद दिला दें कि हाल ही में बसपा ने कांग्रेस से अलग, सपा के साथ गठबंधन की घोषणा की है.

बसपा ने पहले भी लड़ा है बिहार में चुनाव

समझा जाता है कि बसपा ने यह फैसला अपने कैडर वोटरों के जनाधार को बढ़ाने के लिए किया है. हम आप को यह भी याद दिला दें कि बसपा बिहार में अनेक बार चुनाव लड़ चुकी है. कई बार उसके विधायक बिहार से जीते भी हैं.
इससे पहले समझा जाता था कि सपा बसपा बिहार में महागठबंधन का साथ देंगे. इसी क्रम में पिछले दिनों तेजस्वी यादव मायावती के जन्मदिन की पूर्वसंध्या पर उन्हें बधाई देने लखनऊ भी गये थे. लेकिन मायावती के ताजा फैसले से महागठबंधन को कुछ मायूसी जरूर हुई है.

By Editor