इस्लाम और महिला अधिकार
इस्लाम और महिला अधिकार

इमारत-ए-शरिया बिहार, एदार-ए-शरिया बिहार, जमियत-ए-उलेमा बिहार, जमात-ए-इस्लामी और एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम डाक्टर्स ने बिहार के मुसलमानों से अपील की है कि रमजान में तरावीह की नमाज घर पर ही अदा करें.

इन तमाम तंजीमों ने अपनी अपील में कहा है कि रमज़ान (Ramadan ) के महीने में भी लोग अपने-अपने घरों में नमाज (Namaz) पढ़ें और पूरी तरह लॉक डाउन (Lockdown) का पालन करें. इन तंजीमों ने कहा है कि कोरोना माहामारी से इंसानियत को बचाने के लिए घरों पर इबादत का भी सवाब उतना ही है जितना मस्जिदों में इबादत करने से होता है.

माना जा रहा है कि 24 अप्रैल को रमजान का चांद दिखेगा.

. इमारत-ए-शरिया बिहार के महासचिव मौलाना शिबली कासमी ने कहा कि तरावीह की नमाज मस्जिदों के बदले घरों में ही अदा करें, इसलिए ये एलान किया जाता है कि लोग अपने-अपने घरों में तरावीह की नमाज का इंतजाम करें. तरावीह की नमाज के लिए मस्जिदों में आने की जरुरत नही है. लॉक डाउन का पूरी तरह से पालन करें और कोरोना के खिलाफ सरकार की मुहिम का हिस्सा बनें.

जमात-ए-इस्लामी और जमियत-ए-उलेमा बिहार के मुताबिक इफ्तार पार्टियों पर खर्च होने वाले रकम से गरीबों की मदद की जाएगी. इमारत-ए-शरिया बिहार ने भी एलान किया है की इफ्तार पार्टियों पर पूरी तरह परहेज करने की अपील की गयी है. इमारत ने अपील की है कि इफ्तार पार्टी पर खर्च होने वाली रकम से गरीब और जरुरतमंदों के खाने-पीने का इंतजाम लोग जरुर करें.

By Editor