उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि मीडिया को समाचार प्रसारित करने के दौरान सनसनी फैलाने से बचना चाहिए. उन्हें अपनी विश्वसनीयता बनाए रखनी चाहिए. सोमवार को वे दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती अनुराधा प्रसाद को 14वाँ शैलीकार प्रभाकर सम्मान पुरस्कार प्रदान के बाद उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे. बता दें कि यह पुरस्कार प्रसिद्ध हिन्दी लेखक, पत्रकार और स्वतन्त्रता सेनानी पंडित कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर की स्मृति में स्थापित किया गया है.

नौकरशाही डेस्क

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारिता में विश्वसनीयता सबसे महत्त्वपूर्ण है. प्रमाण के साथ समाचार गोलाबारूद से भी अधिक कारगर है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा कोई भी समाचार जो लोगो की संवेदनाओं को ठेस पहुँचाता है, समाज के लिए चिंता का विषय है. ऐसी समस्यों के समाधान के लिए स्व-नियमन ही सबसे उपयुक्त उपाय है.

भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में तथा आजादी मिलने के बाद लोकतंत्रको मजबूत बनाने में पत्रकारिता की अग्रणी भूमिका का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक जीवन्त इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया आज जनता की राय निर्मित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ऐसा अनुभव होता है कि पिछले कुछ वर्षों में समाचार के मूल्यों में परिवर्तन हुआ है. पहले जिस खबर को ‘फीलर’ के लायक भी नही समझा जाता था. वही आज ‘ब्रेकिंग न्यूज’ हो गया है. विषय वस्तु से हटकर की गई टिप्पणी भी हेडलाइन बन जा रही है.

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