मोदी सरकार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका

मोदी सरकार को आज बड़ा झटका लगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के आईटी रूल्स के दो नियमों को अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बताया।

आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार के आईटी रूल्स के दो प्रवधानों को अभिव्यक्ति की आजादी के विरुद्ध बता दिया। कोर्ट ने आईटी रूल्स के 9 (1) तथा 9(3) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया, जिसमें कहा गया है कि डिजिटल मीडिया और प्रकाशक को आईटी रूल्स में वर्णित कोड ऑफ इथिक्स ( आचार संहिता) का पालन करना होगा। कोर्ट ने इन दोनों प्रावधानों पर रोक लगा दी। कोर्ट ने यह फैसला The Leaflet  और निखिल वागले की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जो आईटी रूल्स के खिलाफ दर्ज की गई है। चीफ जस्टिस दीपंकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की बेंच ने यह फैसला दिया।

द वायर की खबर के अनुसार कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया आईटी रूल्स के ये प्रावधान संविधान की धारा 19, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है तथा साथ ही आईटी एक्ट के भी खिलाफ है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जहां तक रूल 9 का सवाल है, हमने प्रथम दृष्टया पाया कि यह याचिकाकर्ता के अधिकार का अतिक्रमण करता है, जो संविधान की धारा 19(1) (ए) के तहत मिला हुआ है। हमने यह भी पाया कि यह कानून के खिलाफ है। इसलिए हम आईटी रूल्स के क्लाउज 9(1) तथा 9(3) पर रोक लगा रहे हैं। हालांकि कोर्ट ने यह आदेश सिर्फ याचिकाकर्ता के लिए ही दिए हैं।  LiveLaw के अनुसार पूरा फैसला अभी सामने नहीं आया है। याचिका में न्यूज पोर्टल Leaflet  और निखिल वागले ने कहा है कि आईटी रूल्स के ये प्रावधान जनता के जानने के अधिकार का हनन करता है।

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उधर, आरएसएस के पूर्व विचारक गोविंदाचार्य पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने पेगासस जासूसी को साइबर आतंकवाद कहा। दक्षिण भारत में पेरियार आंदोलन के नेता कोवई रामकृष्णन ब्राह्मणवाद के खिलाफ लगातार आंदोलन करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका फोन भी पेगासस के जरिये हैक किया गया।

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