परिवहन विभाग की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि बिहार में प्रतिवर्ष अवसतन 4500 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है. यह संख्या दुर्घटना में शिकार कुल 8220 लोगों का लगभग 50 प्रतिशत है.

ये आंकड़ा साल 2016 तक है. जबकि साल 2017 का फिगर जनवरी 2018 तक स्पष्ट होगा. इसी प्रकार साल 2015 में सड़क दुर्घटना में मरने वालो की संख्या 4400 के करीब है.

सड़क दुर्घटना में ज्यादातर मौतें समय पर इलाज न होने के कारण होती हैं.

सड़क दुर्घटना सार्वधिक तौर पर नेशनल हाईवेज पर होती हैं उसके बाद स्टेट हाईवे पर मौते होती  हैं.

इसी प्रकार 1285 की मौत स्टेट हाइवे पर हुई। ओपन एरिया में सबसे अधिक 2806 लोग हादसे के शिकार हुए।आवासीय क्षेत्र में 1105, बाजार में 787, क्रासिंग पर 573 तथा स्कूल और कॉलेज के एरिया में 667 लोगों की मौत हुई।

इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सबसे ज्यादा सड़के हादसे पिक आवर यानी सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच होते हैं.

 

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