सत्रहवीं लोकसभा में चुनकर आने वाले नये सांसदों के लिए इस बार ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गयी है और उन्हें आते ही स्थायी पहचान पत्र दिया जायेगा। 67 साल के संसदीय इतिहास में यह पहला मौका है जब सांसदों को अस्थायी पहचान पत्र के बजाय सीधे ही स्थायी पहचान पत्र दिये जायेंगे। 

लोकसभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव ने 17 वीं लोकसभा की तैयारियों के बारे में संवाददाताओं को बताते हुये कहा कि इस बार 56 नोडल अधिकारी बनाये गये हैं जो चुनाव परिणाम आते ही चुने गये सांसदों से संपर्क स्थापित करेंगे। नये सांसदों के दिल्ली आने से पहले ही उनसे ऑनलाइन ऐसे फॉर्म भरवा लिये जायेंगे जिनकी तुरंत जरूरत होती है। इनमें शपथ ग्रहण की भाषा, उनका पता, हस्ताक्षर का नमूना आदि शामिल हैं। अन्य फॉर्म जो बाद में भी भरे जा सकते हैं उनके लिए अभी ऑनलाइन सुविधा नहीं दी गयी है।

जब सांसद दिल्ली आयेंगे तो संसद भवन के कमरा नंबर 62 में बने पंजीकरण डेस्क पर दो-तीन मिनट में शेष औपचारिकताएँ पूरी कर 10 मिनट के अंदर उन्हें स्थायी पहचान पत्र जारी कर दिये जायेंगे। अब तक नये सांसदों को पंजीकरण के बाद पहले अस्थायी पहचान पत्र जारी किये जाते थे और सिक्युरिटी फीचर वाले स्थायी पहचान पत्र मिलने में 15 से 20 दिन का समय लगता था।

लोकसभा महासचिव ने बताया कि दिल्ली के इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के तीनों टर्मिनलों पर, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के दोनों प्रवेश द्वारों पर तथा पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन और आनंद विहार रेलवे स्टेशनों पर एक-एक गाइड पोस्ट बनाये गये हैं जो मतगणना के दिन 23 मई की शाम छह बजे से ही काम करना शुरू कर देंगे। ये पोस्ट 24 मई से रोजाना सुबह पाँच बजे से रात के 11 बजे तक खुले रहेंगे। फिलहाल 28 मई तक के लिए यह व्यवस्था की गयी है, जिसे जरूरत पड़ने पर आगे भी जारी रखा जा सकता है।

हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों से सांसदों को सीधे संसद भवन के कमरा नंबर 62 में लाया जायेगा जहाँ एक ही डेस्क पर पंजीकरण, वेतन एवं भत्तों, नामांकन, दिल्ली में अस्थायी आवास आदि से जुड़ी दस्तावेजी जरूरतें पूरी कर ली जायेंगी।

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