मुन्ना कुरैशी ने 41 जान बचाने के बदले पैसा लेने से किया इनकारष

मुन्ना कुरैशी ने 41 जान बचाने के बदले पैसा लेने से किया इनकार। रैट माइनर्स ने इंसानियत की पेश की मिसाल। कहा देश के लिए काम किया, पैसा क्यों लें?

उत्तराखंड के डनल में 17 दिनों तक फंसे रहने वाले 41 मजदूरों की जान बचाने वाले मुन्ना कुरैशी और उनकी टीम के 12 सदस्यों ने जान बचाने के बदले रुपए लेने से इनकार कर दिया है। ऐसा करके उन्होंने इंसानियत की मिसाल पेश की है। सोशल मीडिया में आज फिर से लोग मुन्ना कुरैशी और उनके साथियों को सलाम पेश कर रहे हैं। गुरुवार को जब मुन्ना कुरैशी अपने साथियों के साथ दिल्ली पहुंचे, तो उनका भव्य स्वागत किया गया। लोगों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया। लोग हाथ में तिरंगा ले कर मुन्ना का स्वागत करने पहुंचे थे।

 indiatomorrow (इंडिया टुमौरो) की खबर के मुताबिक 29 वर्षीय मुन्ना कुरैशी जिन्हें टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए नायक या मसीहा की संज्ञा दी गई, अब उन्होंने इंसानियत की नई मिसाल पेश की है। मुन्ना कुरैशी और उनकी टीम के साथियों ने मजदूरों की जान बचाने के बदले रुपए लेने से इनकार कर दिया है। रैट माइनर्स ने कहा कि जिन 41 मजदूरों की जान उन्होंने बचाई, वे हमारे मजदूर भाई हैं। एक भाई अपने भाई की जान बचाने के एवज में पैसे कैये ले सकता है।

इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर फिर से मुन्ना कुरैशी ट्रेंड करने लगे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फँसे मजदूर भाइयों को बाहर निकालने की कोशिश में जब-जब बड़ी-बड़ी आगर मशीनें निष्फल हो गयीं तो हाथों-हाथ खुदाई की एक देसी तकनीक को अमल में लाना पड़ा, जिसे रैट होल माइनिंग कहा जाता है। कुल जमा 12 रैट होल माइनर्स साथियों ने जान पर खेलकर महज 24 घंटे की मेहनत में रेस्क्यू ऑपेरशन को पूरा कर दिया। उनमें से एक साथी मोहम्मद इरशाद ने सबके लिये दुआ की है कि देश में प्यार बचा रहे और इंसान को इंसान की तरह प्रेम किया जाय। दूसरे रैट होल माइनर नासिर हुसैन ने जब ध्वस्त सुरंग को चीरकर उस पार फँसे मजदूरों में से पहले को देखा तो उसके पास पहुँच कर फौरन उसे गले लगा लिया। यही प्यार है। इसी मोहब्बत से बना है अपना देश। जय हिंद।

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By Editor