कार्यपालक अभियंता राजेंद्र प्रसाद को लात-घूसों से पीटने और भद्दी गाली देने वाले बक्सर के विधायक मुन्ना तिवारी एफआईआर के दो महीने बाद भी छुट्टा घूमते रहे और अब जमानत भी ले ली है. अभियंता दलित समुदाय से हैं. 

विधायक मुन्ना तिवारी(फोटो-खबरदार बक्सर)

विधायक पर एसएसी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था.18 सितम्बर को दर्ज एफआईआर में राजेंद्र प्रसाद ने शिकायत की थी कि स्थानीय विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने उन्हें सरे राह पकड़ कर न सिर्फ बुरी तरह से पिटाई की बल्कि जातिसूचक शब्द धोबी-चमार कहते हुए गाली दी.इतना ही नहीं उन्होंने बांह मरोड़ कर जरूरी गागजात छीन लिये और कमरे में बंद कर दिया. राजेंद्र प्रसाद ने शिकायत में लिखा था कि मुन्ना तिवारी ने धमकाते हुए मां-बहन की गालियां दी और कहा कि मैं उन्हें ठीकेदारी में कमिशन दूं. कमरे से उन्हें तभी निकाला गया जब अभियंता ने कमिशन देने की बात स्वीकारी.

इस मामले में स्थानीय पुलिस और यहां तक कि जिला पुलिस का रवैया भी काफी घालमेल वाला नजर आता है. एफआईआर के बावजूद उन पर पूलिस ने कोई न तो कार्रवाई की और न ही उन्हें गिरफ्तार किया. इस बीच मुन्ना तिवारी विभिन्न सार्वजनिक समारोहों में बेखौफ शामिल होते रहे.

राजेंद्र प्रसाद ने इस संबंध में अनेक अधिकारियों से निजी तौर पर शिकायत भी की लोकेिन कोई असर नहीं हुआ. इस बीच खबर है कि तिवारी ने स्थानीय अदालत से इसी हफ्ते जमानत ले ली है.

राजेंद्र प्रसाद ने नौकरशाही डॉट कॉम को अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि एक अधिकारी होने के बावूजद उनके साथ इतना बड़ा अन्याय हुआ. लेकिन विधायक पर कानून का कोई खौफ नहीं है. उन्होने कहा कि उन्हें अपनी जान का खतरा है क्योंकि विधायक ने पिटाई करते समय धमकी दी थी कि अगर उनके खिलाफ एफआईआर किया तो जान मार देंगे.

 

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