गिरिराज के क्षेत्र में नरेश सक्सेना ने कहा विडम्बना है कि हिंदुत्वादी कर रहा है बेगूसराय का नेतृत्व

 

बेगूसराय में दिनकर जयंती समारोह में साहित्यकार नरेश सक्सेना ने गिरिराज सिंह का नाम लिये बिना कहा कि यह विडम्बना है कि दिनकर की धरती पर हिंदुत्वादी नेता का नेतृत्व है.

इससे पहले बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह दिनकर जयंती समारोह के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे. 9 दिन चलने वाले इन समारोहों के एक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में नरेश सक्सेना अपनी बात रख रहे थे.

इस समारोह से जुड़ी खबरें अखबारों के स्थानीय एडिशन में विस्तार से छपी है. इस समारोह में कवि नरेश सक्सेना ने इस बात पर चिंता जताई कि बेगूसराय महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्म और कर्मभूमि है लेकिन आज इस क्षेत्र का नेतृत्व एक हिंदुत्वादी के हाथों में है. उन्होंने कहा कि इसका मलब यह हुआ कि हमें राष्ट्र कवि ने जो सिखाया उस पर हमने अमल नहीं किया.

गिरिराज भी हुए थे शामिल

काबिल जिक्र है कि दिनकर कवितायें सौहार्द व भाईचारे पर केंद्रित रही हैं.

बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र का नेतृत्व दशकों तक वामपंथियों के हाथों में रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहां से लगातार भाजपा जीत रही है और 2019 लोकसभा चुनाव में गिरिराज सिंह ने कन्हैया कुमार को हराया था.

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गौरतलब है कि राष्ट्रकवि दिनकर के पैतृक गांव सिमरिया में उनकी 111 जयंती के अवसर पर 9 दिवसीय समारोह का आयोजन चल रहा है. इस दौरान विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.

जब नीतीश दिनकर की कविता गुनगुनाने लगे

साहित्यकार नरेश सक्सेना ने इस समारोह में अनेक कवितायें सुनाई और कहा कि  दिनकर कि कवितायें आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो गयी हैं.

रामधारी सिंह दिनकर हिंदी साहित्य के बड़े स्तंभ माने जाते हैं. प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू दिनकर के व्यक्तित्व और उनकी लेखनी से काफी प्रभावित थे. दिनकर की किताब संस्कृति के चार अध्याय की प्रस्तावना खुद नेहरू ने लिखा था.

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