केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष (एनआईआईएफ) द्वारा आज अपना पहला निवेश किया. एनआईआईएफ ने भारत में बंदरगाह टर्मिनल,  परिवहन, आपूर्ति व्यापार के क्षेत्र में निवेश हेतु एक मंच बनाने के लिए डीपी वर्ल्ड के साथ साझेदारी की है. इस मंच के माध्यम से पत्तन क्षेत्र के अलावा नदी पत्तन और परिवहन, माल ढुलाई गलियारा, बंदरगाह वाले विशेष आर्थिक क्षेत्र, अंतर्देशीय माल वाहक टर्मिनल्स और शीतगृह सहित आपूर्ति सेवाओं से जुड़े ढांचे जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसर उपलब्ध होंगे.

नौकरशाही डेस्‍क

वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामले विभाग के सचिव श्री सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि एनआईआईएफ देश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए एक मंच के तौर पर अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार है. इसकी अब तक की प्रगति उल्लेखनीय रही है. उन्होंने कहा कि पत्तन और आपूर्ति सेवाओं के क्षेत्र में निवेश हेतु एक मंच तैयार करने के लिए एनआईआईएफ ने अपना पहला निवेश किया है. एनआईआईएफ की प्रगति प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे रही है.

एनआईआईएफ के मास्टर कोष की शुरूआत 16 अक्टूबर, 2017 को अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीएए) की एक सब्सिडरी और चार घरेलू संस्थागत निवेशक – एचडीएफसी ग्रुप, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा लाइफ और एक्सिस बैंक के सहयोग से हुई थी. एक भारत ब्रिटेन हरित विकास इक्विटी कोष की भी स्थापना की जा रही है, जिसके तहत दोनों ही देशों की सरकरें 120-120 मिलियन पाउंड का निवेश करेंगी. भारत सरकार एनआईआईएफ के जरिये इस कोष में धन डालेगा. सेबी के नियमों के तहत तीन वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) स्थापित करने के बाद एनआईआईएफ का संचालन किया जा रहा है.

 

 

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