राष्ट्रीय राजनीति में नीतीश का कद बढ़ा, मिली यह खास जिम्मेदारी

विफक्षी एकता बनाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खास भूमिका को कांग्रेस ने स्वीकार किया। 3 दिनों से दिल्ली में। दिखे नए रोल में। कद बढ़ा।

कुमार अनिल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिनों से दिल्ली में हैं। वे सबसे पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मिले। उसके बाद कल उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। फिर आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मिले। गुरुवार को वे वाम दलों के नेताओं से मिले। सबसे खास मुलाकात राहुल गांधी और खड़गे के साथ हुई। राजनीतिक गलियारे में माना जा रहा है कि विपक्षी दलों को एकजुट करने में नीतीश कुमार की खास भूमिका को कांग्रेस ने स्वीकार किया। जदयू ने कहा कि 2024 से पहले विपक्षी एकता का सूत्रपात बनेंगे नीतीश कुमार।

2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करने की मुहिम में विपक्षी दलों को एकजुट करने में नीतीश कुमार की खास भूमिका होगी। वे उन दलों को एकजुट करने का प्रयास करेंगे, जो यूपीए का हिस्सा नहीं हैं। जैसे अरविंद केजरीवाल की आप या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस। दक्षिण के राज्यों में भी कई दल ऐसे हैं, जो कांग्रेस से फिलहाल दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन भाजपा के खिलाफ हैं। ऐसे दलों को व्यापक विपक्षी एकता के लिए तैयार करने की दिशा में नीतीश कुमार सक्रिय भी हो गए हैं। केजरीवाल से उनकी मुलाकात को इसी रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस उन दलों के साथ चर्चा करेगी, जो यूपीए के साथ हैं।

राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा है कि कांग्रेस ने एक तरह से नीतीश कुमार को विपक्षी एकता की मुख्य जिम्मेदारी दे दी है। सोशल मीडिया में नीतीश कुमार को यूपीए का नया संयोजक कहा जा रहा है। नीतीश कुमार की यह खासियत है कि उनका सभी गैर भाजपा दलों से अच्छा संबंध है। वे लगातार इन दलों के संपर्क में भी हैं। अगर वे विपक्षी दलों की एकजुटता का प्रयास करेंगे, तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी।

जदयू ने गुरुवार को एक वीडियो जारी करके कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त देने के लिए विपक्षी एकता के सूत्रधार होंगे नीतीश कुमार। विपक्षी एकता के लिए वे केंद्रक की भूमिका निभाएंगे।

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