सबसे पहले नौकरशाहीडॉटकॉम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के खतों की तकनीकी पड़ताल करते हुए उनसे जबरन खत लिखवाने की तरफ इशारा किया था. इसके बाद कई नेताओं ने जबरन खत लिखवाने की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक शर्मनाक साज़िश करार दिया है.

नौकरशाहीडॉटकॉम द्वारा दिवंगत पूर्व RJD नेता एवं केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह से जबरन खत लिखवाने पर बिहार की राजनीति गरमा गयी है. कई नेताओं ने ट्वीट कर इस कुकृत्य की कड़ी निंदा करते हुए इसे साज़िश करार दिया है.

बता दें की 10 सितम्बर को रघुवंश प्रसाद सिंह से चार खत लिखवाये गए और एक रणनीति के तहत उसे एक खास अंतराल पर फेसबुक पर पोस्ट किया गया. पहला लेटर उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू यादव को लिखा जिसमे उन्होंने राजद की सदस्यता से इस्तीफा दिया। दूसरा खत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम था जिसमे उन्होंने तीन मांगे उठायी। तीसरा खत में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल की आलोचना की. सभी खत 10 सितम्बर को लिखे गए थे.

रघुवंश प्रसाद सिंह की लेटर पॉलिटिक्स के पीछे कौन है?

राजद नेता और मनेर से विधायक भाई वीरेंदर (Bhai Virendra ) ने एक न्यूज़ चैनल को दिए बयान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगते हुए कहा कि “रघुवंश प्रसाद सिंह के बेटे को एमएलसी बनाने का लालच देकर ये सब कराया गया है. जो आदमी ICU में वेंटीलेटर पर है वह चिट्ठी कैसे लिख सकता है”. उन्होंने कहा रघुवंश जब तक जीवित थे उन्होंने कभी भी नीतीश कुमार को अच्छा आदमी नहीं कहा”.

सबसे पहले नौकरशाहीडॉटकॉम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के खतों की तकनीकी पड़ताल करते हुए उनसे जबरन खत लिखवाने की तरफ इशारा किया था. इसके बाद कई नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए इसे एक शर्मनाक साज़िश करार दिया है.

रघुवंश बाबू की आखिरी चिट्ठी:सच जो शिवानंद तिवारी जानते हैं

रघुवंश प्रसाद सिंह की लेटर पॉलिटिक्स की रणनीति पर गौर करने से यह स्पष्ट होता है कि उनकी इस मुहिम में वह अकले नहीं हैं. कोई है जो उन पर नैतिक व भावनात्मक दबाव बनाने की क्षमता रखता है और एक खास रणनीति के तहत इस मुहिम को आगे बढ़ा रहा है. हमें इस मुहिम को समझने के पहले रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठियों के तकनीकी पहलुओं को समझने की जरूरत है.

गौर करने की बात है कि रघुवंश प्रसाद सिंह ( Raghuvansh Prasad Singh) ने पहले राजद के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. फिर 10 सितम्बर को उन्होंने हाथ से एक सादे पेज पर लिखी चिट्ठी में इस्तीफा दिया. कुल मिलकर उन्होंने चार चिट्ठिया जारी की हैं. चारों चिट्ठियां दस सित्म्बर को लिखी गयी हैं. लेकिन चारों में से कुछ चिट्ठियों को अलग-अलग समय और अलग-अलग तारीखों को फेसबुक पर अपलोड किया गया.

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By Editor