नीतीश के बुलावे पर पटना में जुटेंगे 15 दल, आ सकते हैं राहुल भी

नीतीश कुमार के बुलावे जल्द ही पर पटना में 15 दलों के नेता जुटेंगे। बैठक में राहुल गांधी के शामिल होने की भी चर्चा। विपक्षी एकता के लिए चल रहा होम वर्क।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बुलावे पर देश के विपक्षी दलों के नेता जल्द ही पटना में जुटेंगे। मिल रही जानकारी के अनुसार बैठक में 15 दलों के प्रमुख नेता बैठक में शामिल होंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के शामिल होने की भी चर्चा चल रही है। कर्नाटक में सबकुछ तय होने के बाद बैठक की तिथि घोषित हो सकती है।

जदयू सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना में विपक्षी दलों की बैठक होगी। इसमें उन दलों के नेता भी शामिल होंगे, जो यूपीए के सदस्य नहीं हैं अथवा जिनका कांग्रेस के साथ सीधा संवाद नहीं है। ऐसे दलों में आप, सपा और ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी शामिल है। याद रहे कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद ममता बनर्जी ने अपना पुराना स्टैंड बदलते हुए कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की एकता की बात की है। इससे पहले वे कांग्रेस को छोड़ कर विपक्षी दलों की एकता की कोशिश करती रही हैं, जिसे थर्ड फ्रंट भी कहा जाता है। ममता बनर्जी एक बार यहां तक कह चुकी हैं कि कांग्रेस तथा भाजपा में कोई फर्क नहीं है। त्रिपुरा चुनाव में राहुल गांधी ने भी टीएमसी की आलोचना की थी, लेकिन ये सब बातें अब पुरानी पड़ चुकी हैं।

कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि जो क्षेत्रीय दल जहां मजबूत हैं, वहां उन्हें ड्राइविंग सीट दी जाए और जिन राज्यों में कांग्रेस मजबूत हैं, वहां क्षेत्रीय दल उसे मदद करेंगे। नीतीश कुमार द्वारा बुलाई बैठक में यह मुद्दा भी होगा। इसी तरह की मिलती-जुलती राय राजद नेता तथा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी जाहिर कर चुके हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपना पत्ता नहीं खोला है कि 2024 लोकसभा चुनाव में उनका क्या रुख होगा।

विपक्षी दलों की बैठक में किसी संयुक्त साझा कार्यक्रम पर भी चर्चा हो सकती है, जिसके आधार पर सभी भाजपा विरोधी दल अपना चुनाव अभियान चलाएंगे। विपक्षी दलों की एकता का मुख्य आधार यही संयुक्त साझा कार्यक्रम होगा। कर्नाटक चुनाव के बाद अब सबकी नजर विपक्षी एकता पर है, जिसकी पहल नीतीश कुमार कर रहे हैं।

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