शेल्टर होम के बाद मुजफ्फरपुर में एक और संस्थानिक बलात्कारकांड की आहट

पिछले डेढ़ साल से मुजफ्फरपुर शेल्टर होम बलात्कार कांड से दुनिया भर में बिहार सरकार की जगहंसाई चल ही रही है कि अब उसी मुजफ्फरपुर में एक और संस्थानिक बलात्कार कांड की आहट से सनसनी फैल गयी है.

खुदी राम बोस जेल का मामला

शहर के खुदी राम बोस जेल में एक महिला बंदी ने अपनी आपबीती सुनाते हुए पीएमओ, सीएमओ और तमाम आला हुक्काम को पत्र लिख कर बताया है कि बंदी महिलाओं को नियमित रूप से जबरन यौन शोषण का शिकार बनाया जाता है.
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इस पत्र में लिखी बातों से एक बार और बिहार के हुक्काम की करतूतों और बेलगाम हरकतों से किसी भी संवेदनशील व्यक्ति का दिल दहल जाने के लिए काफी है.
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मुजफ्फरपुर में एक और बलात्कार कांड

पत्र में  महिला कैदी ने कहा है कि जेल में महिला बंदियों को शारीरिक संबंध बनाने को मजबूर किया जाता है। पदाधिकारियों व राइटर (बंदी) के साथ संबंध नहीं बनाने पर अत्याचार किया जाता है। वहीं, जो महिला बंदी समर्पण कर देतीं उन्हें मोबाइल से बात करने समेत अन्य सुविधाएं मिलती हैं।
बेटी के साथ कारा में बंद महिला बंदी के अनुसार संबंध बनाने का विरोध करने पर खाना बंद कर दिया जाता है। आरोप लगाकर पिटवाया जाता है। तीन महिला सिपाहियों के नाम का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ये ही दबाव डालती हैं। चार मार्च को इसमें से एक महिला सिपाही ने उसकी बेटी को पदाधिकारी के साथ संबंध बनाने का दबाव डाला। विरोध पर उसकी इतनी पिटाई की गई कि वह बेहोश हो गई।
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इस पत्र से फैली सनसनी ने हाल ही में मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में रहने वाली 26 बच्चियों के साथ संस्थानिक बलात्कार की याद ताजा कर दी है. उधर इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पीएमओ ने एक हफ्ते के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है.
उधर  मुजफ्फरपुर के डीएम ने डीपीओ ललिता सिंह की अध्यक्षता में जांच टीम बनाई है. डीएम ने पत्र में अंकित तथ्यों पर बिंदुवार जांच करने को कहा है।

By Editor