राज्यपाल की विदाई पर हेमंत ने रखी आदिवासी अस्मिता की लाज

देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू आज झारखंड से विदा हुईं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झुककर जोहार किया। भाजपा ने एक ट्वीट तक नहीं किया।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्यपाल द्रौपजी मुर्मू को झुककर सम्मान जताते।

छह वर्ष पहले जब द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल बनीं, तो भाजपा के सारे प्रमुख नेताओं ने इसे एनडीए की आदिवासियों के प्रति निष्ठा-सम्मान का प्रतीक बताया था। तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय ने कहा था कि आदिवासी महिला को राज्यपाल बनाकर एनडीए ने देश ही नहीं, पूरे विश्व में संदेश दिया है।

आज जब वे झारखंड की छह वर्ष तक सेवा के बाद विदा हुईं, तो भाजपा के किसी बड़े नेता ने ट्वीट तक नहीं किया। झारखंड भाजपा और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के ट्वीटर हैंडल पर राज्यपाल की विदाई पर एक शब्द नहीं कहा गया है। प्रदेश में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनने पर आज उन्हें बधाई दी है, पर राज्यपाल मुर्मू की विदाई पर कोई ट्वीट नहीं किया।

उधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के प्रति सम्मान जताने के लिए कई कार्यक्रम किए। ये कार्यक्रम कल से ही चल रहे हैं। आज हवाई अड्डे पर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने कई वरिष्ठ सहयोगियों के साथ उपस्थित थे। उन्होंने पूरी तरह सिर झुकाकर राज्यपाल के प्रति अपना सम्मान जताया, जैसा पहले भी वे झारखंड की परंपरा के अनुसार झुक कर जोहार करते रहे हैं।

पेट्रोल पर कांग्रेस का प्रदर्शन, Srinivas को पुलिस ने घसीटा

इससे पहले कल विदाई समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा माननीया राज्यपाल द्वारा किये गए कार्य सदैव अनुकरणीय रहेंगे। उन्होंने गुड गवर्नेंस का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। उन्होंने ट्वीट किया- माननीय राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू जी को भविष्य की अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार। परमात्मा आपको उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करे, यही कामना करता हूं।

नए राज्यपाल रमेश बैस 14 जुलाई को शपथ लेंगे।

दोबारा जनता का दरबार लगाने पर क्यों मजबूर हुए नीतीश

By Editor