पाकिस्तान में राजद्रोह कानून रद्द, लाहौर हाईकोर्ट का फैसला

पाकिस्तान में अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून रद्द हो गया है। जज बोले, नागरिक स्वतंत्रता के खिलाफ है कानून। सत्ता विरोधियों के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर रहा।

पाकिस्तन के लाहौर हाईकोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिल फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने अंग्रेजी हुकूमत द्वारा बनाए गए राजद्रोह कानून को रद्द कर दिया है। जजों ने कहा कि यह कानून पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ है, जिसमें नागरिक स्वतंत्रता को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। लाइव लॉ ने द डॉन के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तान पेनल कोड की धारा 124 ए को लाहौर हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।

लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस शाहिद करीम ने पाकिस्तान में राजद्रोह कानून को नागरिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताते हुए रद्द कर दिया। जस्टिस करीम वही जज हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ को दोषी करार दिया था। ऐसा उन्होंने 2019 में किया था। मुशर्रफ के खिलाफ 2007 में मामला दर्ज हुआ था, जिसमें उन पर संविधान को पलटने और इस प्रकार राजद्रोह करने का आरोप लगा था।

जस्टिस करीम ने अपने फैसले में कहा कि देश के हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। वहीं 124 ए इस नागरिक अधिकार का हनन करता है। इस कानून के तहत आजीवन कारावास की सजा तक सुनाई जा सकती है। इस कानून में प्रावधान है कि पाकिस्तान की किसी सरकार के खिलाफ बोल कर, लिख कर या दृश्य सामने करके असंतोष पैदा किया जाता है या उसे बढ़ावा दिया जाता है, तो वह राजद्रोह के तहत अपराध माना जाएगा। पाकिस्तान के द डॉन अखबार ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की है।

पाकिस्तान में विभिन्न वर्गों के लोग जस्टिस करीम को पाकिस्तान का चमकता सितारा बता रहे हैं। ट्विटर पर कई ने लिखा है कि पाकिस्तान का सौभाग्य है कि उसके देश में जस्टिस करीम जैसे जज हैं, जो मानवाधिकार, लोकतंत्र के लिए समर्पित हैं। ट्विटर पर Justice Shahid Karim टाइप करते ही अनेक लोगों की प्रतिक्रिया देखी जा सकती है। सोशल मीडिया पर अनेक ने थैंक्यू जस्टिस करीम लिखा है। ट्विटर पर कई ने जस्टिस करीम के फैसले को साहसी बताया है।

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