पलट गए मोदी, अब फ्री वैक्सीन देने के खिलाफ दे रहे तर्क

लीजिए, भाजपा सांसद सुशील मोदी बिहार के लोगों को समझा रहे हैं कि अगर लोगों से पैसा लेकर वैक्सीन दिया जाए, तो इससे गरीबों के कल्याण में कार्यक्रम चल सकेंगे।

क्या आपको याद है कि बिहार के किस नेता ने कहा था कि भाजपा मतलब बड़का झूट्ठा पार्टी। खैर छोड़िए। नई खबर यह है कि भाजपा के सांसद सुशील कुमार मोदी ने आज महत्वपूर्ण ट्विट किया है। उन्होंने ताबड़तोड़ तीन ट्विट किए और कहा कि वैक्सीन का पैसा लेना राज्यहित में होगा। लगातार इतने ट्विट करके वो जनता से पैसे देने का माहौल क्यों बना रहे हैं, जबकि भाजपा ने अपने संकल्पपत्र में सबको फ्री वैक्सीन देने का वादा किया था।

सुशील मोदी ने ट्विट किया-कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र और बिहार सहित कई राज्यों की सरकारें मुफ्त टीकाकरण अभियान चला रही हैं, लेकिन 1 मई से जब 18 पार के लोगों का भी टीकाकरण शुरू हो रहा है, तब सरकार के संसाधनों पर दबाव बढेगा।

उनका दूसरा ट्विट है-प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर जैसे समाज के समर्थ लोग गैस सिलिंडर की सब्सिडी छोड़ चुके हैं, वैसे ही वे इस कठिन दौर में कोरोना वैक्सीन की कीमत चुकाने में भी पीछे नहीं रहेंगे।

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उनका तीसरा ट्विट है-यदि राज्य सरकार ने वैक्सीन के मूल्य चुकाने का विकल्प दिया, तो गरीबों के टीकाकरण और इलाज के लिए ज्यादा संसाधन होंगे।

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने भाजपा नेता के ट्विट पर कड़ी आपत्ती जताई है। कहा कि जब वे विधानसभा चुनाव में सबको फ्री वैक्सीन देने का वादा कर रहे थे, तब उन्हें नहीं पता था कि इससे वित्तीय भार पड़ेगा।

गगन ने यह भी कहा कि अगर सांसद मोदी जी को भरोसा था कि केंद्र में उन्हीं की सरकार है इसलिए वहां से फ्री में वैक्सीन मिल जाएगा, तो भरोसा तोड़ने के खिलाफ वे बोल क्यों नहीं रहे?

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चितरंजन गगन ने एक तीसरा सवाल खड़ा किया कि केंद्र सरकार की सहमति से वैक्सीन की कीमत राज्यों से अधिक ली जा रही है। अगर उन्हें राज्य पर वित्तीय बोझ की चिंता है, तो वे अपनी डबल इंजन की सरकार से क्यों नहीं कहते कि जिस कीमत पर केंद्र को वैक्सीन मिल रही है, उसी कीमत पर राज्य को मिले।

गगन ने यह भी बताया कि भाजपा सांसद सुशील मोदी ने ट्विटर पर उन्हें ब्लाक कर दिया है। पता नहीं उन्हें अपने आलोचकों से डर क्यों लगता है।

By Editor