पांच साल की सजा व जुर्माना पर बोले लालू, लड़ा हूं, लड़ता रहूंगा

चारा घोटाला मामले में विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को पांच साल की सजा और 60 लाख का जुर्माना किया। लालू बेले- लड़ा हूं, लड़ता रहूंगा…। तेजस्वी क्या बोले?

आज चारा घोटाला मामले में रांची की एक विशेष अदालत ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद को पांच साल की सजा और 60 लाख रुपए का जुर्माना किया। सजा की खबर के बाद लालू प्रसाद की पहली प्रतिक्रिया थी, तानाशाही और सांप्रदायिक ताकतों से लड़ता रहा हूं, आगे भी लड़ता रहूंगा। लालू प्रसाद ने इसके साथ ही समर्थकों को निराश होने के बजाय आगे की लड़ाई के लिए कमर कसने का आह्वान किया।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने ट्वीट किया- अन्याय -असमानता से, तानाशाही ज़ुल्मी सत्ता से लड़ा हूं, लड़ता रहूंगा। डाल कर आंखों में आंखें, सच जिसकी ताक़त है, साथ है जिसके जनता, उसके हौसले क्या तोड़ेंगी सलाख़ें।

इसका असर भी दिखा, जब तेजस्वी यादव ने कहा कि वे अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।

इस बीच राजद ने कहा-जब जब आदरणीय लालू प्रसाद जी के साज़िशन मनगढ़ंत फर्ज़ी केस संबंधित फ़ैसला होना होता है हमेशा उससे चंद दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली जाते है। फिर फैसला आता है। पलटू जी- ये पब्लिक है, ये सब जानती है।

रेहान ने कहा- ऐसा लगता है इस देश में सिर्फ एक ही घोटाला हुआ है- चारा घोटाला। भारत दुनिया का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी लोकतांत्रिक देश होगा, ये देश घोटाले और भ्रष्टाचार पर कितना निष्पक्ष है, दुनिया जानती है। लालू जैसे बड़े कद के नेता को सजा देना राजनीति से प्रेरित है और कुछ नहीं। ऐसी ही प्रतिक्रिया देशभर से आ रही है। लोग पूछ रहे हैं कि लालू को जिस आधार पर सजा दी जा रही है, उसी आधार पर सृजन घोटाले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर केस क्यों नहीं किया जाता।

लोग सवाल उठा रहे हैं कि हजारों-हजार करोड़ रुपए खा जानेवालों को विदेश भागने दिया जा रहा है। गुजरात के पोर्ट पर हजारों किलो ड्रग्स आता है, लेकिन मामले की लीपापोती कर दी जाती है। कोई टीवी इस पर प्राइम टाइम नहीं चलाता, लेकिन लालू प्रसाद चूंकि भाजपा के खिलाफ लड़ते रहे, इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि लालू प्रसाद गरीबों के दिल में बसते हैं। वहां से कोई उन्हें निकाल नहीं सकता।

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