पश्चिम से कम नहीं पूर्वी यूपी, यहां शुरू हुआ सांड़ वापसी आंदोलन

पश्चिमी यूपी के किसानों ने कृषि कानूनों की वापसी के लिए ऐसा आंदोलन किया, जो इतिहास में दर्ज हो गया। पूर्वी यूपी भी कम नहीं। शुरू हुआ सांड़ वापसी आंदोलन।

पश्चिमी यूपी के किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ऐसा आंदोलन किया कि केंद्र की सत्ता हिल गई। दमन और प्रतिरोध के बीच एक साल तक चले संघर्ष में प्रतिरोध की ताकत जीती। हालांकि उसे 700 किसानों की शहादत देनी पड़ी। लेकिन इस कुरबानी ने देशभर के किसानों और अपने अधिकार से वंचित समाज के भीतर से डर निकाल दिया।

अब पूर्वी यूपी के किसान भी मुखर होने लगे हैं। वे सांड़ वापसी आंदोलन शुरू कर चुके हैं। कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में सांड़ छोड़ दिए। यह खबर देश भर में फैल गई। किसानों का कहना था कि योगी को भी मालूम होना चाहिए कि सांड़ किस तरह किसानों की कमर तोड़ रहे हैं। रात की नींद उड़ा दी है। दिन का चैन खत्म कर दिया है। कल बाराबंकी के किसानों ने जो किया, वह उनके गुस्से का प्रदर्शन था। भाजपा के लिए यह चिंता का विषय है कि अगर दूसरी जगह के किसानों ने भी ऐसा किया, तो क्या होगा?

यूपी कांग्रेस ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- योगी जी ने जनता के लिए सांड़ छोड़ा, तो जनता ने भी रैलियों में सांड़ भेज दिया। जनता ‘जनार्दन’ है। ये है वीडियो-

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी हर सभा में सांड़ के सावल को उठाते हैं। वे सांड़ के हमले में मारे गए लोगों को मुआवजा देने की घोषणा कर चुके हैं।

मुश्किल यह है कि भाजपा ने अपने को हिंदू पार्टी साबित करने तथा मुस्लिमों के खिलाफ माहौल बनाने के लिए तमाम बूचड़खाने बंद कर दिए, लेकिन इस स्थिति की कल्पना वे नहीं कर सके थे। दूरदृष्टि थी ही नहीं। अब कोई दल इस पर दावा नहीं कर सकता कि वह इस समस्या को खत्म कर देगा।

गौवंश की देखभाल के लिए गौशाला खोली गई, लेकिन वह योगी सरकार की विफलता का नमूना बन गया।

किसानों का रोष बढ़ता देख भाजपा विधायक कान पकड़कर सभा मंच से उट-बैठ कर रहे हैं। लेकिन इससे क्या सांड़ की परेशानी खत्म हो जाएगी। अविनाश दास ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा- हाल है यूपी के बीजेपी विधायकों का कि उन्हें मंच पर कान पकड़ कर उठना-बैठना पड़ रहा है। अपने निकम्मेपन के लिए बार-बार माफ़ी मांगनी पड़ रही है। ये रॉबर्टसगंज के भाजपा विधायक भूपेश चौबे हैं। देखिए वीडियो-

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